आप आए दिन अपनी फेसबुक वाल पर किसी ना किसी ऐसे ऐप का दर्शन करते होंगे जो आपको यह बता रहा होगा कि आप पिछले जन्म में आप क्या थे? आपका सच्चा दोस्त कौन है? आपकी मौत कब होगी? अगले जन्म में आप कहां पैदा होंगे? ऐसे क्विज ऐप के जरिए ही आपका पर्सनल डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। साइबर एक्सपर्ट्स ने सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी है कि वे ऐसे किसी क्विज में हिस्सा न लें, जो किसी विश्वसनीय वेबसाइट या ऐप की ओर से ना कराया जा रहा हो। इन ट्रिक्स के जरिए ही आपका निजी डाटा एक्सेस किया जाता है।
अगर आपने ने भी कभी फेसबुक पर शेयर होने वाले ऐसे सवालों के जवाब तलाशे हैं? तो सावधान हो जाइए। इसकी पूरी संभावना है कि आपके पर्सनल डाटा में सेंध लगाई जा रही हो। गौरतलब है कि फेसबुक पर 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स की निजी जानकारी चोरी करने का आरोप लगा है। इसके बाद से इस लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने भी गलती स्वीकार की है। हम आपको बता रहे हैं क्या है पूरा मामला और आप कैसे अपनी नीजि जानकारी सुरक्षित रख सकते हैं…
ये है पूरा मामला
कैंब्रिज एनालिटिका एक वोटर प्रोफाइलिंग कंपनी है, जो 2013 में अस्तित्व में आई। साल 2016 में इस कंपनी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। रॉबर्ट मर्सर नाम के निवेशक ने इस कंपनी को 15 मिलियन डॉलर दिए। रॉबर्ट मर्सर का नाम 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के लिए अभियान चलाने में आया है। ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगा है कि उसने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी हासिल करके, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनल्ड ट्रंप के लिए जीत का माहौल बनाया। इस कंपनी पर ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के अभियान ‘ब्रेग्जिट’ और कई देशों के चुनावों को प्रभावित करने के आरोप भी लग रहे हैं।
कैसे हासिल किया डेटा
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में साइकॉलजी के प्रोफेसर एलक्जेंडर कोगन की कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च ने यूजर्स की निजी जानकारी को शेयर करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी से करार किया। कोगन की कंपनी ने thisisyourdigitallife नाम से एक ऐप बनाया और 2014 में फेसबुक यूजर्स को एक साइकोलॉजिकल क्विज में हिस्सा लेने का झांसा दिया। इस ऐप पर जाकर 2,70000 यूजर्स ने क्विज में हिस्सा लिया। कोगन की कंपनी पर आरोप है कि इस ऐप के जरिए क्विज में शामिल फेसबुक यूजर्स का की निजी जानकारी हासिल कर ली।
फेसबुक पर लग रहे हैं ये आरोप
फेसबुक को इस खबर की जानकारी थी और उसने कैंब्रिज एनालिटिका से यूजर्स की निजी जानकारी डिलीट करने के लिए कहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने डाटा डिलीट नहीं किया और फेसबुक ने अपने यूजर्स को इस संबंध में कोई अलर्ट नहीं भेजा। ब्रिटिश अखबार संडे गार्डियन ने कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी के पूर्व कर्मी के हवाले से इस मामले का भांडाफोड़ किया। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि कितने यूजर्स का डाटा चोरी हुआ। इसमें कई देशों के यूजर्स शामिल हैं। यह बात सामने आई है कि जिन यूजर्स की प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत नहीं थी, उनका डाटा एक्सेस किया गया।