लखनऊ। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 से ज्यादा सेंट्रल ट्रेड यूनियन बुधवार को देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं। साथ ही इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कई अन्य सेक्टोरल इंडिपेंडेंट फेडरेशन और असोसिएशन्स भी हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय यूनियनों में जेसीसी सेवा, आईसीसी, एलपीएफ, यूटीयूसी समेत अन्य शामिल हैं। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न क्षेत्रीय महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही बताया कि “हम महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी अन्य मांगों में सभी के लिए 6000 रुपये न्यूनतम पेंशन, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थम मूल्य और लोगों को राशन की पर्याप्त आपूर्ति शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में बारिश आंदोलन पर असर नहीं डाल सकी है। श्रमिक राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में जुलूस निकालेंगे और योजना के मुताबिक, कर्मचारी आईटीओ पर एकत्र होंगे और फिर यहां से जुलूस निकालेंगे। बता दें कि 6 बैकिंग यूनियन ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है। वहीं 60 से ज्यादा स्टूडेंट यूनियन भी भारत बंद में शामिल हैं। पूरे देश में इस दौरान बैंकिंग, परिवहन और अन्य सेवाओं पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। यूपी डीजीपी ने भारत बंद की चर्चा के बाद पुलिस प्रशासन को सतर्कता के सख्त निर्देश दिए थे। देश की सभी ट्रेड यूनियन इस हड़ताल में शामिल है। जिसमें बैंकों के मर्जर, लेबर कानून, विश्विद्यालय की खराब हालत के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया। ट्रेंड यूनियन सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही। वहीं इस भारत बंद में बैंक, डाकघर, बीएसएनएल और एलआईसी भी शामिल हैं। किसानों के संगठनों का हड़ताल को देश में समर्थन मिला है। सरकार से न्यूनतम 21 हजार रुपए वेतन देने की मांग की जा रही है। देश में करीब 25 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 20 लाख लोग हड़ताल में शामिल हैं। हड़ताल को देश और प्रदेश के कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। बता दें कि राजधानी लखनऊ में भारत बंद के समर्थन में पोस्ट ऑफिस के मुख्यालय पर कर्मचारियों अपनी 25 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही निजीकरण का विरोध, पुरानी पेंसन बहाली, नए लोगों की भर्ती सहित मृतक आश्रित जैसे मांगो को लेकर जीपीओ पर प्रदर्शन जारी है। वहीं दूसरी तरफ वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। वहीं उत्तरी 24 परगना के ह्रदयापुर स्टेशक के समीप रेल ट्रैक पर पुलिस ने चार क्रूड बम बरामद किए हैं। साथ ही मुंबई में भी भारत पेट्रोलियम के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘‘भारत बंद’’ का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने का आरोप लगाया।
