ब्रिटिश-इंडियन स्टील कारोबारी संजीव गुप्ता ने औपचारिक रूप से फ्रांस की एल्युमीनियम व्हील निर्माता एआर इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण की तैयारी कर ली है। संजीव गुप्ता के ग्लोबल इंडस्ट्रीयल ग्रुप जीएफजी अलायंस ने कोर्ट प्रशासन को एआर इंडस्ट्रीज के लिए अपनी बोली भेजी है। अगर जीएफजी का गठबंधन सफल होता है, तो लगभग 400 नौकरियां बचाई जा सकेगी। साथ ही एआरआई, जो कि फ्रांस की अकेली एल्युमीनियम व्हील बनाने वाली कंपनी है को बचाया जा सकेगा।
यह ऑफर लिबर्टी ग्रुप के जीएफजी अलायंस के मेंबर द्वारा दिया गया है। साथ ही यह मेंबर एल्युमीनियम डंकरके के अधिग्रहण की भी प्रक्रिया में हैं। जो कि यूरोप का सबसे बड़ा स्मेल्टर (धातु को रिफाइन करने का कारखाना) है। डंकरके एआरआई को कच्चा माल मुहैया कराने वाली वाली एक बड़ी कंपनी है।
संजीव गुप्ता ने कहा कि एआरआई हमारी योजना में सही बैठती है। हमारी योजना है कि एक ऐसे व्यापार को एकीकृत किया जा सके, जिससे मूल्य वर्धित व्यापार खड़ा किया जा सके। इसके अलावा इस व्यापार से ऊपरी दर्जे और निचले दर्जे के कार्यों को तो बचाया ही जा सके और साथ ही नौकरियों को भी बचाया जा सके। गुप्ता ने आगे कहा कि फ्रांस हमारे लिए एक जरूरी स्थान है। साथ ही इन निवेशों की सहायता से हम ग्रीन स्टील और ग्रीन एल्युमीनियम के उत्पादन को बढ़ाकर इसे दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था का हिस्सा बना सकते हैं।
संजीव गुप्ता का मानना है कि यूरोपियन और वैश्विक कार बाजार, जो कि पिछले दशक में लगभग 50 प्रतिशत बढ़ा है के आने वाले समय में और बढ़ने की संभावना है और एल्युमीनियम का इस कार बाजार में महत्वपूर्ण योगदान है।
बोली के बारे में ज्यादा जानकारी न देते हुए उन्होंने कहा कि एआरआई के सामने कई चुनौतियां है लेकिन मैं जानता हूं कि यहां के लोगों के कौशल और परिश्रम, ग्राहकों के साथ और जीएफजी और लिबर्टी के इस क्षेत्र में काम के इतिहास को देखते हुए हम इस कारोबार को और आगे बढ़ा पाएंगे।
जीएफजी के गठबंधन द्वारा एआरआई के लिए लगाई गई बोली पर फैसला अगले महीने तक आ सकता है।