पुलिस ने बाटे सीएए कानून से सम्बन्धित पर्चे अफवाहो पर ध्यान न देने की अपील
लखनऊ। 19 दिसम्बर को लखनऊ मे धारा 144 के बावजूद सीएए और एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए हिसंक प्रदर्शन के बाद पुलिस ने अब लोगो को नागरिकता संशोधन कानून के बारे मे समझाना शुरू कर दिया है। एक सप्ताह पहले उग्र प्रदर्शन की आग मे झुलसे अमन के शहर के अमन को बरक़रार रखने के लिए लखनऊ पुलिस पूरी शिददत से मेहनत कर रही है। 19 दिसम्बर को लखनऊ मे हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप मे सीसीटीवी कैमरा फुटेज वीडियो क्लीपिंग और समाचार पत्रो मे छपी फोटूओ के आधार पर प्रदर्शन मे भाग लेने वाले दौ सौ से भी ज़्यादा लोगो को विन्हित कर संगीन धाराओ मे जेल भेजा यही नही पुलिस ने हिसंक प्रदर्शन के दौरान हुई क्षति की भरपाई के लिए हिसंक प्रदर्शन के आरोपियो से करने के लिए उन्हे नोटिस भी भेजे है । गिरफ्तारियो का दौर अभी भी जारी है। सरकार का मानना है कि सीएए को लेकर देष के करोड़ो लोग भ्रमित है लोग शायद ये मान रहे है कि सीएए के तहत उनकी नागरिकता को खतरा है सीएए कानून को लेकर देष के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी देषवासियो से कह चुके है कि सीएए से देष के किसी भी नागरिक की नागरिकता को कोई नुकसान नही है बल्कि इस कानून के तहत उन पड़ोसी देष पाकिस्तान, बंगलादेष और अफगानिस्तान मे बसने वाले अल्पसख्यको को नागरिकता दी जाएगी जो धार्मिक तौर से प्रताड़ित होकर भारत मे शरण लेने के लिए 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत आए है। लेकिन बावजूद इसके देष मे अभी भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनो का सिलसिला जारी है। सीएए के प्रति लोगो मे फैले अविष्वाष को समाप्त करने के लिए लखनऊ पुलिस ने अनुठी पहल शुरू की है। विरोध प्रदर्शन के करीब एक सप्ताह के बाद गुरूवार को लखनऊ के सभी 42 थानो मे क्षेत्र के सभ्रान्त लोगो के साथ पुलिस ने पीस कमेटी की मीटिंगो का आयोजन किया गया । पीस कमेटी मे आने वाले लोगो को पुलिस के अफसरो ने सीएए कानून को पूरी तरह से न सिर्फ समझाया बल्कि लोगो को सीएए कानून समझने के लिए पर्चे भी बाटे जिस पर संक्षेप मे सीएए कानून से सम्बन्धित जानकारियो लिखी हुई थी। पीस कमेटी की मीटिंगो मे आए लोगो को अफसरो ने बताया कि नागरिकता संशोधन एक्ट से किसी भारतीय नागरिक को कोई नुकसान नही होने वाला है और न ही एनआरसी की अभी देष मे किसी तरह की कोई प्रक्रिया ही चालू हुई है। पीस कमेटी की मीटिंगो मे लोगो को ये भी बताया गया की सरकर द्वारा लाए गए एनपीआर से एनआरसी का कोई सम्बन्ध है एनपीआर मात्र जनगणना का एक हिससा है जो पूरे देश मे हर दस वर्ष मे एक बार होती है । एनपीआर को सरकार डिजिटल तरीके से भी कराएगी साथ ही आपके घर जनगणना करने के लिए लोग आएगे जो आपकी जानकारी लेंगे कि आपके परिवार मे कुल कितने लोग है । अफसरो द्वारा लोगो को समझाया गया कि वो सीएए , एनआरसी या एनपीआर को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में न रहे और न ही किसी के बहकावे मे आए क्यूकि एनपीआर सिर्फ जनगणना है इससे एनआरसी का कोई लेना देना नही है। गुरूवार को वैसे तो लखनऊ के सभी 42 थानो मे पीस कमेटी की मींिटंगो का आयोजन किया गया लेकिन खास तौर पर पुराने लखनऊ के सभी 9 थानो मे आयोजित की गई पीस कमेटी की मीटिंगो मे आए हुए लोगो के मन मे एनपीआर को लेकर कुछ ज़्यादा ही जिज्ञासा दिखाई दी। लोगो का कहना था कि अगर एनपीआर सामान्य जनगणना मात्र है तो इसमे बदलाव क्यूं किए गए है लोगो का कहना था कि लाखो लोग ऐसे है जिनहे अपने जन्म की तारीख नही पता है ऐसे लोग अपने माता पिता के जन्म की तारीख का ब्योरा कैसे देंगे । पीस कमेटी की मीटिंगो मे आए लोगो को अफसरो द्वारा बताया गया कि वो किसी के बहकावे मे आकर कोई अवैधानिक कार्य न करे और न ही सोषल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहो पर ध्यान दे ।