लखनऊ। बवाल की आशंका बढ़ने को देखते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में 17 कंपनी पीएसी व 10 कंपनी आरएएफ की तैनाती की है। इसके अलावा आधा दर्जन एएसपी, एक दर्जन दरोगा, 700 इंस्पेक्टर को तैनात किया गया है। इनमें 200 दरोगा अतिरिक्त लगाए गए हैं। इसके अलावा शहर के आस-पास के सभी बड़े अफसरों को भी बुला लिया गया है। बवाल से प्रभावित रहने वाले खदरा के मदेयगंज, हुसैनाबाद के सतखंडा व हजरतगंज क्षेत्र के अलावा अमीनाबाद में पुलिस बल की सबेरे से ही मौजूदगी रही। इन सभी जगहों पर रोड पर सन्नाटा पसरा रहा। यहां दुकाने खुलीं मगर ग्राहकों की संख्या न के बराबर रही। सीएए के विरोध में नजीराबाद व मौलवीगंज के बाजार शुक्रवार को नहीं खुले। दुकानदार आए मगर उन्होंने अपनी दुकानों के शटर नहीं उठाए। अमीनाबाद पुलिस ने दोनों ही जगह व्यापारियों को मनाने का भी प्रयास किया मगर वे अपने इरादे पर कायम रहे। बवाल के चलते सरकारी व निजी कार्यालयों में उपस्थिति घट गई। साल का अंतिम माह होने के कारण कई कार्यालयों में कर्मचारी छुट्टी पर रहे। जवाहर भवन व इंदिरा भवन स्थित अधिकतर विभागों के मुख्यालयों व आयोगों के दफ्तर में उपस्थिति बहुत कम रही। यही हाल, शक्ति भवन, स्वास्थ्य भवन, नगर निगम, कलेक्ट्रेट का भी रहा। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वरिष्ठ पुलिस अफसरों को फील्ड में खुद मोर्चा संभालने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ व संभल में हुई हिंसक घटनाओं से सबक लेते हुए सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार का कहना है कि सभी जिलों को पर्याप्त पुलिस व पीएसी उपलब्ध कराई गई है। सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों को रोकने के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर अराजकतत्वों को चिह्नित कर उन्हें पाबंद करने की कार्रवाई भी चल रही है।
