लखनऊ। यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन बुधवार काफी हंगामे भरा रहा। वहीं विपक्षी दलों ने यूपी की कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर जमकर हंगामा किया। सपा व कांग्रेस ने मंगलवार को बिजनौर में सीजेएम कोर्ट रूम में हुए हत्याकांड का मुद्दा उठाया और बहस की मांग की। इस दौरान स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया। जिसके बाद दोनों दलों ने सत्र का बहिष्कार कर दिया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी और दोबारा कार्यवाही दोपहर 12 बजे शुरू की। विधानसभा में नेता विपक्ष राम गोविंद चैधरी ने कहा कि जब न्यायालय सुरक्षित ही नहीं तो न्याय कहां मिलेगा। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जलाए जाने जैसी घटना से यह प्रतीत होता है कि प्रदेश में कानून खत्म हो गया है। सरकार पंगु हो गई है। वहीं जब भाजपा के लोग ही दुष्कर्म व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगे तो क्या होगा? भारत में पर्यटक नहीं आ रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। वहीं विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह बुधवार को बांह पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे। जिस पर बिजनौर हत्याकांड और महिला सुरक्षा की पर्चियां लगी थीं। उन्होंने कहा कि देश में चर्चा होनी चाहिए कि सावरकरजी को माफीनामे के आधार रिहा होने के बाद उनका अंतिम जीवनकाल देश के साथ था अथवा अंग्रेजों के साथ? आजादी की लड़ाई में भाजपा का क्या योगदान था? बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार शाम सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर भाजपा विधायक धरने पर बैठ गए थे, जिनका सपा विधायकों ने भी समर्थन किया था।
