यूं तो इंटरनेशनल लेवल पर भारत का स्क्वैश में रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं है। लेकिन भारत की स्टार खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा ने 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का विश्वभर में लोहा मनवा लिया था। अब गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में एक बार फिर सभी की नजरें इसी स्टार जोड़ी पर होंगी।
बता दें कि 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में इस जोड़ी ने महिला युगल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। इन खेलों के इतिहास में भारत का स्क्वैश में यह पहला पदक था। दीपिका और जोशना पर हालांकि अपना खिताब बचाने का दबाव भी है। पर, ये अपनी बादशाहत बचाने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं। दीपिका ने 2014 एशियाई खेल में एकल कांस्य जीता है।
पुरुष सूखा खत्म करने उतरेंगे
वहीं दूसरी ओर भारत के पुरुष खिलाड़ियों पर पदकों का सूखा खत्म करने का दारोमदार होगा। टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण हैं, पर इनके सामने पहली बार पहली बार पदक जीतने की चुनौती होगी। एकल में ज्यादा उम्मीदें सौरव घोषाल और हरिंदर पाल संधू से हैं। सौरव पांच जबकि हरिंदर आठ अंतरराष्ट्रीय खिताब जीत चुके हैं। हरिंदर ने 2014 एशियाई खेल में स्वर्ण जीता था। वह यही कारनामा राष्ट्रमंडल खेलों में भी करना चाहेंगे।
मिश्रित युगल में भी मजबूत
भारत मिश्रित युगल में भी पदक की उम्मीद कर सकता है। इसमें दीपिका पल्लीकल-सौरव घोषाल की जोड़ी उतरेगी। 31 वर्षीय घोषाल के लिए यह टूर्नामेंट अहम है। उन्होंने एशियाई खेल में पांच पदक (एक स्वर्ण, एक रजत, तीन कांस्य) जीते हैं पर राष्ट्रमंडल में चमक नहीं बिखेर सके।
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आपको बता दें कि स्क्वैश की शुरुआत राष्ट्रमंडल खेलों में 1998 में कुआलालंपुर से हुई। इसके बाद से स्क्वैश इन खेलों का हिस्सा रहा है। इसकी लोकप्रियता भी बढ़ी है।
9 गोल्ड मेडल के साथ ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल 30 पदक जीते हैं। इसी के साथ इन खेलों में सबसे ज्यादा मेडल जीतकर ऑस्ट्रेलिया का दबदबा कायम है। बता दें कि इस बार भारत की ओर से 7 खिलाड़ी गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
महिला टीम:
दीपिका पल्लीकल, जोशना चिनप्पा
कोच : भुवनेश्वरी कुमारी
पुरुष टीम:
सौरव घोषाल, हरिंदर पाल संधू, महेश मनगांवकर, रमित टंडन, विक्रम मल्होत्र
कोच : सायरस पोंचा