लखनऊ। गोमती नगर स्थित पुलिस मुख्यालय में साइबर क्राइम व महिला-बाल अपराध को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की। विवेचना कार्यशाला में योगी ने कहा- सरकार राज्य में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने जा रही है। वहीं साइबर अपराध को लेकर हर रेंज स्तर पर 1-1 साइबर थाना और फॉरेंसिक सेंटर खोलेंगे। सरकार का अपना फॉरेंसिक विश्विविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल पहले मैंने यह पता लगाने के लिए एक समिति बनाई थी कि क्या महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की भी समयबद्ध जांच हो रही है? जिसमें यह सामने आया कि समन्वय की कमी है। यदि समय पर अभियोजन किया जाता है, तो आरोपी को जल्द ही सजा हो सकती है।मुख्यमंत्री योगी ने तीन चीजें बताई है, जिसमें पहला प्रशिक्षण पर ध्यान दिया है। सीएम चाहते है कि हर विभाग इंटीग्रेट हो। हमें केवल प्प्ज् कानपुर इसरो के साथ हमने इंटीग्रेट किया। औरैया में हमने 28 दिन में मुकदमा दर्ज करके आरोपियों को सजा दिलाई है। जो अपने विभाग में अच्छा काम करेगा उसको हम उसे प्रशस्ति पत्र भी देंगे। महिलाओं व बालकों से संबंधित अपराधों की कार्यशाला हमारे लिए बहुत लाभकारी होगी, जिसमें हम सम्बंधित विषयों पर व्यापक विचार विमर्श करेंगे। इसी कड़ी में सीएम ने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय से दोषियों के खिलाफ बेहतर कार्रवाई हो सकती है। जिला जज के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बैठकर पॉस्को के मामले की वरीयता तय करें। इससे एक अपराधी को समय से दंड दिलवा सकते हैं। मुकदमों में देरी होने पर गवाह के मुकरने से लेकर पीड़ित तक निराश हो जाता है। तत्काल सजा होने पर बड़े पैमाने पर एक सकारात्मक संदेश जाता है। किसी बेगुनाह को कोई सजा न हो, लेकिन कोई अपराधी भी न बच पाए। सीएम योगी ने कहा कि मैं मानता हूं कि पिछले ढाई वर्षों में बेहतर करने के प्रायस हुआ है। महिला व बालकों को लेकर मैंने एक कमेटी गठित की थी। न्याय समय बद्ध होना चाहिए। न्याय अगर समय बद्ध नही होता है, तो बहुत समस्याएं आती है। जब तक अपराधी के मन मे भय नही होगा तब तक अपराध कम नही होगा। कानून व्यवस्था में आज उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर आ गया है। आज हम सबके लिए साइबर क्राइम एक चैलेंज बना हुआ है। मैं चाहता हूं कि साइबर क्राइम को लेकर तैयार रहें। आज दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ है। महिलाओं व बालकों के ऊपर हो रहे अपराध को लेकर हम लोग एक अच्छे निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि अभियोजन को लेकर मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। पॉस्को के केसों की लगातार सुनवाई की जा रही है। ई-प्रणाली लागू करने के लिए टैब-लैपटॉप दिए जा रहे हैं। मामलों को देखते हुए ई-कोर्ट शुरू की गई है।
