रीढ़ की हड्डी के अब तक किए 45 सफल आपरेशन
लखनऊ। लखनऊ के पतिष्ठित बलरामपुर अस्पताल के अधिक्षक डाॅक्टर रिषी सक्सेना ने अस्पताल मे आने वाले रीढ़ की हडडी के मरीजो के आपरेशन में बड़ी उपलब्धी हासिल की है। स्पाईन इन्जरी के मरीज़ो को राहत पहुॅचाने वाली इस उपलब्धी को हासिल करते हुए डाक्ॅटर रिषी सक्सेना ने अपनी नियुक्ति के बाद बलरामपुर अस्प्ताल मे अब तक रीढ़ की हडडी के 45 मरीज़ो का सफलता पूर्वक आपरेशन कर उन्हे चलने फिरने के लायक बनाया गया है। बलरामपुर अस्पताल के आडिटोरियम मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे बोलते हुए बलरामपुर अस्पताल के वष्ठि सर्जन डाॅक्टर रिषी सक्सेना ने बताया कि हरदोई ज़िले की रहने वाले 23 वर्षीय हर्षित चैरासिया को 23 जुलाई को उनके परिवार के लोग अस्प्ताल लेकर आए थे हर्षित तीन मंज़िला मकान से नीचे गिर गए थे जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी कई जगह से टूट चुकी थी हर्षित के परिजन आपरेशन के लिए तैयार नही थे परिवार को भरोस ही नही हो पा रहा था कि हर्षित बलरामपुर अस्पताल मे आपरेशन के बाद ठीक हो सकता है । हर्षित के परिजनो को डाॅक्टर रिषी सक्सेना ने हिम्मत बधंाई और दुर्धटना के 6 दिन बाद उसका स्पाईन आपरेशन किया और हर्षित का आपरेशन कामयाब हो गया और अब वो चलने फिरने लगा है । रिषी सक्सेना ने बताया कि इसी तरह से सन्दना सीतापुर की रहने वाली 28 वर्षीय कल्पना सिंह के उपर दीवार गिरने की वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। दुघर्टना के बाद 14 अक्टूबर को उन्हे बलरामपुर अस्प्ताल मे भर्ती कराया गया था कल्पना की हालत बहोत ज़्यादा खराब थी 26 अक्टूबर को उन्होने कल्पना का आपरेशन किया और कल्पना भी अब अपने बल बूते चल फिर सकती है। डाॅक्टर रिषी सक्सेना ने बताया कि उन्होने डाॅक्टर नुरूल हक़ सिददीकी, डाॅक्टर भास्कर प्रशान्त , डाॅक्टर जीपी गुप्ता, डाॅक्टर एमपी सिंह के सहयोग से रीढ़ की हड्डी के आपरेशन किए है। उन्होने बताया कि हमारी टीम मे इन डाॅक्टरो के अलावा अस्पताल के तमाम कर्मचारियों ने भी सहयोग किया है। डाक्टर रिषी सक्सेना ने बताया कि स्पाईन आपरेशन अत्यन्त कठिन आपरेशन है लेकिन हमारे सहयोगी डाॅक्टरो की टीम के साथ उन्होने ये उपलब्धी हासिल कर ली है उन्होने बताया कि बलरामपुर अस्पताल मे उनके द्वारा अब तक स्पाईन के 45 आपरेशन सफलता पूर्वक किए जा चुके है।
रीढ़ की हड्डी के चोट के मरीज़ो के परिजन रखे ध्यानः राजीव लोचन
मानव शरीर मे अत्यन्त महत्वपूर्ण रीढ़ की हडडी मे गम्भीर चोट लगने के बाद मरीज़ के परिजन अगर तुरन्त एहतियात बरते तो मरीज़ की हालत गिड़ने से बचाई जा सकती है ये बाते बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डाॅक्टर राजीव लोचन ने व्यक्त किए उन्होने कहा कि यदि किसी दुर्घटना मे किसी को रीढ़ की हडडी मे चोट लगे तो उस घायल को उठाने मे परिजन थोड़ा एहतियात रख्खे पीठ मे चोट लगने के बाद मरीज़ को उठाने मे सावधानी बरतना ज़रूरी है ऐसे मरीज़ को तुरन्त उठा कर न बैठाए और न ही तुरन्त उसे पानी पिलाएं । डाक्ॅटर राजीव लोचन ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल मे आने वाले मरीज़ो के इलाज और आपरेशन के लिए अस्पताल मे कुशल चिकीत्सको की टीम मौजूद है उन्होने कहा कि इस अस्पताल मे मरीज़ो को समुचित सुविधाए उपलब्ध कराई जाती है।