लखनऊ। एसटीएफ उत्तर प्रदेश को रणदीप भाटी गैंग के ‘शार्प शूटर’ एवं 50,000 के इनामी अपराधी उमेश शर्मा उर्फ उमेश पंडित को एक साहसिक मुठभेड़ में हिन्डन पुस्ता के दाहिनी ओर सर्विस लेन थाना बिसरख गौतमबुद्धनगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर एके 47 बरामद करने में सफलता हासिल की है। जिसमें बताया गया है कि पकड़े गये आरोपी के पास से एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी भी बरामद की गई है। एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक, मुखबिर के माध्यम से एसटीएफ फील्ड इकाई गौतमबुद्धनगर को कुख्यात वांछित एवं पचास-पचास हजार रूपये के ईनामिया अपराधी अमित कसाना व उमेश पंडित के रिस्तल, थाना लोनी क्षेत्र गाजियाबाद में होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस सूचना को विकसित करते हुए एसटीएफ टीम ने थाना 24 नोएडा की पुलिस के साथ वांछित स्थल पर तलाश की। मुखबिर की सूचना पर थाना बिसरख क्षेत्र में घेराबंदी कर स्विफ्ट डिजायर कार को रोकने का प्रयास किया गया। जिसपर अपराधियों द्वारा पुलिस को निशाना बनाकर फायरिंग की गई। जिस पर संयुक्त टीम द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई फायरिंग में इनामी अपराधी उमेश शर्मा गोली लगने से घायल हो गया। साथ ही बताया गया कि बदमाश के घायल होने के बाद पुलिस अभिरक्षा में उपचार हेतु तत्काल अस्पताल भिजवाया गया। इस मुठभेड में एसटीएफ नोएडा का सिपाही विकास कुमार भी घायल हुआ है जिसे भी उपचार हेतु तत्काल अस्पताल भेजा गया है। ईनामी अपराधी उमेश पंडित से उपरोक्त बरामदगी हुई है। साथ ही इस मुठभेड़ में मौके से एक अपराधी भाग निकला जिसको पकड़ने के लिए प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि बरामद एके 47 के सम्बन्ध में गहराई से छानबीन की जा रही है। गिरफ्तार आरोपी उमेश पंडित की अपराधिक गतिविधियों के सम्बन्ध में छानबीन की गयी तो विदित हुआ कि उमेश पंडित ने वर्ष 2005 में अपने साथी आरोपी परमिन्दर पुत्र राजेन्द्र निवासी नामपार्क, अशोक पुत्र गोविन्द निवासी रामपार्क के साथ मिलकर विनोद सिंह नेगी की डण्डे से पीटकर हत्या कर दी थी। जिसके सम्बन्ध में थाना लोनी, गाजियाबाद में मुकदमा पंजीकृत हुआ था और इस मुकदमें मंे आरोपी उमेश पंडित चार महीने जेल में भी रहा था। उल्लेखनीय है कि इस अभियोग में वर्ष 2021 में न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। एसटीएफ ने बताया कि उमेश पंडित की गाजियाबाद जेल में ही अपराधी रणदीप भाटी के कुख्यात शूटर नन्दू रावण से मुलाकात हुई जिससे वह अपराधी अनिल दुजाना से जुड़ गया। अभियुक्त उमेश शर्मा ने रोबिन, नन्दूरावण व अशोक चिरहड़ा के साथ मिलकर वर्ष 2010 में विनोद बंसल निवासी दादरी की हत्या की थी। जिसमें वह लगभग 8 महीने जेल में रहा और वहीं पर अपराधी अनिल दुजाना से मुलाकात हुई। अपराधी अनिल दुजाना के माध्यम से ही इसकी मुलाकात कुख्यात अपराधी रणदीप भाटी से हुई थी। उमेश शर्मा ने वर्ष 2011 में साहिबाबाद में रणदीप भाटी, आजाद बंसल, अमित कसाना, गोपाल पंडित आदि के साथ अपराधी सुन्दर भाटी पर एक विवाह समारोह में ‘अटैेक’ किया था जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। जिसके सम्बन्ध में थाना साहिबाबाद गाजियाबद में मुकदमा दर्ज हुआ था और इस मुकदमें में उमेश पंडित वर्ष 2012 में जेल गया था। जिसके उपरान्त उमेश पंडित ने वर्ष 2013 में सहआरोपियों के साथ मिलकर सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया था और चमन भाटी की हत्या कर दी थी। जिसके सम्बन्ध में थाना दादरी गौतमबुद्धनगर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी वर्ष उमेश पंडित ने सह आरोपियों के साथ मिल कर हापुड़ न्यायालय में राका नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दिया था। जिसके सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर हापुड में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इन मुकदमों में उमेश पंडित काफी समय तक जेल में रहा। उमेश पंडित ने 5 अप्रैल 2019 को थाना दादरी स्थित एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में अपने सहआरोपियों के साथ मिलकर ठेकेदार सिक्योरिटी गार्ड कर्मचारियोध्वाहन चालकों के साथ मारपीट, फायरिंग करना व उद्वापन का अपराध कारित किया था। जिसके सम्बन्ध में थाना दादरी में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इसी मुकदमे में उमेश पंडित वांछित चल रहा था तथा उस पर पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र, मेरठ द्वारा 50,000 का पुरस्कार घोषित किया गया था।
