लखनऊ। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय( बीएचयू) में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कॉलर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर मचे बवाल के बीच अब कुछ छात्रों ने उनके समर्थन में रैली निकाली है। वहीं रैली के दौरान छात्रों ने कहा कि धर्म के आधार पर भेदभाव करना गलत है। ऐसे में अब मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध में अब बीएसपी प्रमुख मायावती ने बयान दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मायावती ने कहा कि प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म और जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन,प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म,जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इतना ही नहीं बसपा अध्यक्ष ने ये भी कहा कि बीएचयू द्वारा एक मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेंट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस संबंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। मायावती ने कहा कि सरकार इसपर ध्यान दे तो बेहतर होगा।
