लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के कई कर्मचारी संघों ने बुधवार को एक संयुक्त बैठक की है। जिसमें पीएफ घोटाले के विरोध में चल रहे प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है। कर्मचारी संघों ने बिजली कर्मचारियों के 14 नवंबर को होने वाली रैली में भी राज्य कर्मचारियों से बड़ी संख्या में सम्मिलित होने की अपील की है। कर्मचारी संघों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि राज्य सरकार प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारियों के पीएफ के भुगतान की जिम्मेदारी ले। साथ ही इस संबंध में आवश्यक गजट नोटिफिकेशन जारी कर बिजली कर्मचारियों को आश्वस्त करे। कर्मचारी संघो ने पीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन को सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री की घोषणा के 12 दिन बाद भी सीबीआई जांच न प्रारंभ किये जाने और घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिशों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संयुक्त बैठक में उ.प्र. राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्र, उप्र इंजीनियर्स ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह निरंजन, यूपी फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विस ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र प्रताप सिंह, सुपरवाइजर ऐसोसिएशन बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला, उप्र जल निगम समन्वय समिति के संयोजक वाई एन उपाध्याय, उप्र जल निगम इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपी मिश्रा एवं उप्र जल निगम इंजीनियर्स एसोसिएशन के सचिव नौशाद अहमद मौजूद रहे।