लखनऊ। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को सुबह्र सूर्योदय से पहले गंगा, यमुना, गोमती सभी नदियों पर भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है। हर-हर महादेव के साथ हर हर गंगे का जाप करते हुए भक्तों ने नदियों में स्नान कर उगते सूर्य को अर्घ्घ्य देकर सुख और समृद्धि की कामना की है। इसी तरह राजधानी लखनऊ के कुड़िया घात पर भी स्नान दान करने के लिए भक्तों का तांता लगा। ऐसे में जो लोग नदियों के तट पर नहीं पहुंच पाएं वह अपने घरों में ही विशिष्ट अनुष्ठान कर श्री हरि की पूजा के साथ ही दान कर पुण्घ्य की कामना की है। सुबह से ही घाटों पर दूर दूर तक आस्घ्था का रेला लगा और लोगों ने घाट पर दान पुण्य के साथ ही कार्तिक मास पूजन अनुष्ठानों का भी पारण कर वर्ष भर के लिए श्री और समृद्धि की कामना की है। हिंदी के बारह मासों में सर्वप्रमुख माना जाने वाला कार्तिक श्रीहरि को समर्पित होता है। इसमें धर्मानुरागीजन विभिन्न नदियों विशेषकर गंगा समेत नदियों में स्नान, दान-यज्ञ, होम, उपासना करते हैं। अंतिम दिन पूर्णिमा पर मासपर्यंत स्नान का समापन होता है। काशी में यह पर्व देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा (देव दीपावली) इस बार 12 नवंबर को पड़ी है। कार्तिक पूर्णिमा पर शास्त्रों में दान का विशेष महत्व का बड़ा महत्व है। इस दिन व्रत रह कर वृष दान करने से शिव पद प्राप्त होता है। गो, हाथी, रथ घोड़ा व घृतादि का दान करने से संपत्ति वृद्धि और पूर्णिमा का व्रत रह कर श्रीहरि स्मरण-आराधना से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है। वहीं अगर भक्त कार्तिक में स्वर्ण का मेष दान करते हैं तो उनके योगों के कष्ट दूर होते हैं।
