पैग़ामे अमन मे बोले विभिन्न धर्मो के धर्म गुरू
लखनऊ। भारत की सर्वाेच्च अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद राम जन्म भूमि मसले पर आने वाले ऐतिहासिक फैसले से पहले आज इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया मे ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया मे पैगामे अमन कन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया जिसमे विभिन्न धर्मो केे धर्म गुरूओ ने शिरकत कर हिन्दुस्तानिया से सुप्रीम कोर्ट के सम्भावित फैसले का सम्मान करते हुए मुल्क मे अमन भाई चारा शान्ती बनाए रखने की अपील करते हुए आठ सूत्रीय प्रस्ताव को पास किया गया। अमन कान्फ्रेस मे ध्वनि मत से पारित किए गए प्रस्ताव मे कहा गया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सरकार कुछ ज़रूरी एलान करे जिसमे मुख्य रूप से फैसले के बाद जुलूस आतिशबाज़ी नारेबाज़ी पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाए जाने का एलान सरकार की तरफ से किया जाए। पैगामे अमन कांन्फ्रेस का संचालन मौलाना मुश्ताक नदवी ने किया। अमन कान्फ्रेस मे बोलते हुए मौलाना खानिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कोर्ट जो भी फैसला दे हमे दिल की गहराईयो से उसे स्वीकार करना है उन्होने कहा कि मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को अमन का पैगाम दिया है उन्होने कहा कि सबसे पहले अमन शान्ती की शुरूआत अपने घर अपने पड़ोस सेे की जाए उन्होने कहा कि ज़मीन पर फसाद करने वाले को अल्लाह पसन्द नही करता है हमारे प्यारे नबी ने पड़ोसी का मर्तबा बुलन्द बताया है अगर किसी ने अपने पड़ोसी को नुक्सान पहुॅचाया तो समझो उसने नबी को नुक्सान पहुॅचाया और हमारे नबी को नुक्सान पहुॅचाने वाले से हमारा अल्लाह भी खुश नही हो सकता है। मौलाना ने कहा कि किसी इन्सान का नाहक़ खून करने वाला इन्सान पूरी इन्सानियत का खून करता है । कोर्ट को ये अधिकार है कि वो जो चाहे फैसला दे हमारा ये कर्तव्य है कि हम कोर्ट के फैसले को दिल से स्वीकार करे और शान्ती बनाए रख्खें। मौलाना ने अमन कान्फ्रंेस के माध्यम से देशवासियो से अपील की है कि फैसले के बाद एकता की ऐसी मिसाल पेश करे जिसका संदेश पूरी दुनियां मे जाए । उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के अलावा देश के तमाम हिन्दू मुस्लिम संगठनो ने देशवासियो से अमन भाईचारा और संयम रखने की अपील की है वही अपील हम भी इस पैगामे अमन कान्फेंस के माध्यम से पैगाम देना चाहते है। इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया मे आयोजित अमन कान्फेंस में अमन के सैकड़ो पैराकारो ने शिरकत कर सुप्रीम कोर्ट के सम्भावित फैसले का दिल की गहराईयो से सम्मान करने की अपील की है।
कोर्ट का फैसला सर आॅखों पर:स्वामी सांरग
पैगामें अमन कान्फ्रंेस मे बोलते हुए स्वामी सांरग ने कहा कि शान्ती हमारे देश के घरो मे है घरो मे रहने वाले लोगो के दिलो में है मंंिदर के हक मे फैसला आए या मस्जिद के हक मे आए हर फैसला हमारे सर आॅखो पर है । स्वामी सांरग ने कहा कि कोर्ट अगर मस्जिद बनाने का आदेश देगा तो हम मस्जिद की ईट रख्खें अगर मंदिर बनाने का फैसला आए तो मौलाना मंदिर की ईट रख्खे। उन्होने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद देशवासी शान्ती की ऐसी मिसाल पेश करे कि मीडिया के पास दिखाने के लिए खबर ही न हो उन्होने कहा कि शान्ती महसूस करने की चीज़ है शान्ती महसूस कीजिए शान्त रहिए शान्ती महसूस करने वाले देशवासी कोर्ट के फैसले के साथ है।
आज हमे शान्ती का पैगाम पहुॅचाने की ज़रूरत क्यूं पड़ीः आरके क्षत्रीय
पैगामे अमन कान्फ्रेस मे बोलते हुए क्राईस्ट चर्च कालेज के प्राचार्य आरके क्षत्रीय ने कहा कि आज हमेे शान्ती का पैगाम पहुॅचाने की ज़रूरत ही क्यूं पड़ी जबकि हम तो उस देश के वासी है जहां अमन हमेशा से ही रहता है। उन्होने कहा कि टेक्नालाजी मे हम भले ही नम्बर वन की तरफ बढ़ रहे है लेकिन कही न कही हम प्रेम बलिदान शान्ती के मामले मे शायद पीछे जा रहे है। उन्होने शान्ती कायम रखने का सरल उपाए बताते हुए कहा कि देशवासियो को चाहिए की प्रत्येक देशवासी रात को सोने से पहले अपने घरो मे घर के सभी सदस्यो को एकत्र करने के बाद कुछ देर अपनी धार्मिक किताबो का पाठ करे क्यूंकि दुनिया के सभी धर्मो की धार्मिक किताबे शान्ती का ही सदेंश देती है उन्होने कहा कि मोहम्मद, जीज़स, राम सभी शान्ती का पैगाम देते है। उन्होने कहा कि शान्ती हमारी बातो मे नज़र आनी चाहिए।