लखनऊ। दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल में माह-ए-रबी उल अव्वल की मुनासिबत से चैथे जलसे ‘‘सीरतुन्नबी व सीरत-ए-सहाबा और तहफ्फुजे शरीअत’’ का आयोजन किया गया। जलसे को खिताब करते हुए मौलाना मुहम्मद मुश्ताक अध्यक्ष आॅल इण्डिया सुन्नी बोर्ड ने कहा कि हुजूर पाक सल्ल0 तमाम इंसानों की रहबरी के लिए मुकम्मल नमूना है। दुनिया का हर शख्स हुजूर पाक सल्ल0 के सच्चे और अच्छे सहाबाक्राम रजि0 के एहसान का बदला नही अदा कर सकते क्यों कि सहाबाक्राम ने खुदा पाक के पसंदीदा दीन-ए-इस्लाम को फैलाने में किसी किस्म की कमी नही की। मौलाना ने कहा कि खुदा पाक की रजा इसी मे हैं कि जैसा खुदा ने आदेश दिया है वैसा ही किया जाए, अपनी तरफ से उसमें कुछ कमी और ज्यादती न की जाए। सहाबाक्राम ने हुजूर पाक की जिन्दगी का हर हर पहलू हम तक पहंुचा दिया। हमें अपनी आखिरत और दुनियावी फायदे के लिए उसको अपनाना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि आज जरूरत इस बात कि है कि सीरत-ए-नबवी स0 के तमाम पहलुओं का अध्ययन किया जाए और दुनिया के बसने वाले सारे इंसानों तक खुदा पाक के रसूल का पैग़ाम पहुंचाया जाए। जलसे का आरम्भ कारी कमरूद्दीन अध्यापक दारूल उलूम की तिलावत से हुआ। नात शरीफ दारूल उलूम के विद्यार्थी इकरामुल हुैसन ने पेश किया। संचालन मौलाना मुहम्मद सुफयान निजामी ने किया। जलसे का अन्त मौलाना मुहम्मद मुश्ताक की दुआ पर हुआ। इस अवसर पर तमाम अध्यापक मौलाना अतीकुर्रहमान, मौलाना मुहम्मद सुफयान निजामी, मौलाना अब्दुल लतीफ, मौलाना अजहरूद्दीन, मौलाना मो0 रिजवान, कारी हारून, कारी तनवीर आलम, मौलाना अब्दुल मुगीस, कारी मुहम्मद अनस, कारी मो0 शमीम, कारी मो0 इरशाद और विधार्थी उपस्थित थे।
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- दुनिया के सामने नबी सल्ल0 के अखलाक़ का नमूना पेश करें: मौलाना मुहम्मद मुश्ताक़