अखिलेष यादव ने कहा पार्टी को अकेले चुनाव में जाने का फायदा मिला

अखिलेष यादव ने कहा पार्टी को अकेले चुनाव में जाने का फायदा मिला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रदर्शन पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुये समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश  यादव ने मंगलवार को कहा कि पार्टी को अकेले चुनाव में जाने का फायदा मिला। अखिलेश यादव ने यहां संवाददाताओं को कहा कि उपचुनाव में सपा ने भारतीय जनता पार्टी से बाराबंकी की जैदपुर और बसपा से जलालपुर सीट छीनी। उन्होंनें उपचुनाव में बसपा के प्रदर्शन पर कोई भी टिप्पणी करने से पूरी तरह इनकार कर दिया और कहा कि किसी और पार्टी के प्रदर्शन पर वो कोई भी टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में सपा को अच्छी सफलता मिली जो लोकतंत्र की जीत है। देश की जनता अब भाजपा के इरादे को समझ गई है। भाजपा का प्रदर्शन लगातार खराब होता जा रहा है। धर्म और जाति की राजनीति करने वालों को यही हाल होता है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि अब पार्टी को गांवों तक ले जाया जायेगा और हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का विस्तार होगा। पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिये अब काम किया जा रहा है।अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्षी दलों के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से भाजपा के स्याह पक्ष को जनता के सामने उजागर करने में मदद मिली। भाजपा सरकार की असफलता को उनके प्रत्याशी प्रभावी तरीके से जनता के समक्ष रख सके। उन्होने कहा कि जिला प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये और सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग के बावजूद पार्टी रामपुर, जलालपुर और जैदपुर सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। रामपुर में सपा सांसद मोहम्मद आजम खां और उनकी प्रत्याशी पत्नी तंजीन फातिमा भाजपा के निशाने पर रहीं लेकिन मतदाताओं ने उनके एक सूत्रीय एजेंडे को धूल चटाते हुये डा फातिमा को जीत दिलायी।भाजपा सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसा कर उनका उत्पीड़न कर रही है लेकिन पार्टी इन सब चुनौतिओं से बखूबी निपटते हुये कुशासन के खिलाफ जंग जारी रखेगी। उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में लोगों ने सपा उम्मीदवारों को जिताकर लोकतंत्र को बचाने का काम किया है। इससे पता चलता है कि भाजपा की जनविरोधी नीतियो के प्रति जनता कितनी आक्रोशित है। उन्होने कहा कि लोगों ने नफरत की राजनीति,जातिवाद और भ्रष्टाचार को बढावा देेने वाली भगवा पार्टी के खिलाफ वोट कर अपने इरादे साफ कर दिये हैं। आम जनता से जुड़े मुद्दो पर बुरी तरह विफल भाजपा खुद को बचाने की नीयत से आरोप लगाती थी कि विपक्षी दल गठबंधन कर उसका सफाया करना चाहते है। इस उपचुनाव में सभी दल अलग अलग चुनाव लडे और भाजपा की पोल खुल गयी।

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