लखनऊ। प्रदेष की राज्यपाल आनन्दी बेन केजीएमयू के 15वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में षामिल हुई। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा कि मैंने जितने भी अस्पताल देखे हैं, सभी में वैसी ही स्थिति है। बुखार नापने वाला यंत्र हो या फिर कोई और जांच के यंत्र। सभी सिस्टर या डॉक्टर के कमरे में ही रखे रहते हैं। मरीज की डायग्नोसिस सही नहीं की जा रही। कब टम्परेचर लिया गया, क्या बीमारी है? पूछो तो वार्ड में डॉक्टर हो या नर्स बता नहीं पाते। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों से पैसे वसूले जा रहे हैं। यह सुनकर दुख होता है। केंद्र व राज्य सरकार तमाम रूपए खर्च करती है, बावजूद इसके मरीजों का हाल बहुत बुरा है। नए डॉक्टर संकल्प करके जाएं कि गलत व्यवहार नहीं करेंगे। चाहें वह प्राइवेट अस्पताल में जाएं या सरकारी में। मेरे पास कई पत्र आए की आप थाने क्यों जाती हैं? थाने नहीं जाना चाहिए। मैंने कहा कि मैं राज्यपाल हूं, कंही भी जा सकती हूं। लोग व बच्चे थाने जाने से डरते हैं। मुझे स्मृति चिन्ह के बजाय बुक्स दी जाएं। मुझे स्मृति चिंह नहीं चाहिए, प्राइमरी स्कूल के बच्चे को महापुरूषों को पढ़ाई जाने वाली किताबे दें। यह प्राइमरी स्कूल की लाइब्रेरी में रखवाई जाएंगी। राज्यपाल ने कहा कि गोल्ड पढ़ाई में मिला है, मगर विवाह में मत मांगना। आस-पड़ोस में हो रहे बाल विवाह, दहेज को रोकें। कुरीतियां मिटायेंगे तभी पढ़ाई सार्थक होगी। दहेज की मांग पर बेटियों के अंदर मंडप में खड़े होने की हिम्मत होनी चाहिए। मेरा मानना है कि बच्चों को पालना मां-बाप का काम है, मगर उनकी शादी का निर्णय बच्चों का है। जिसे कभी ऐसी परेशानी हो, वो आकर मुझसे मिले, मैं उसके साथ हूं। सभी बेटियों को ह्यूमोग्लोबिन टेस्ट करवाया जाए, ताकि उनके स्वास्थ्य की सही जानकारी मिल सके। समारोह में एमबीबीएस की छात्रा सना मोहसिन को सबसे प्रतिष्ठित हीवेट मेडल मिला। वहीं, आकर्षि गुप्ता को केजीएमयू चांसलर मेडल से नवाजा गया। वहीं इस मौके पर पहली बार प्राइमरी के 50 बच्चे शामिल हुए। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने उनके साथ बातचीत की। इस दौरान आइसीएमएस के डीजीएमई डॉ. बलरामभार्गव भी मौजूद रहे। एमबीबीएस के शीर्ष मेडल बेटियों झोली में गए, वहीं बीडीएस में छात्र ने बाजी मारी है। 22 छात्र व 22 छात्रओं ने मेडल पाए, कुल 44 मेधावियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथ मेडल मिला। यह यूजी, पीजी व सुपर स्पेशियलिटी कोर्सों के टॉपर रहे। शेष को संस्थान के स्थापना दिवस पर मेडल व डिग्री प्रदान की गई। केजीएमयू में तीन नए मेडल प्रदान किए गए। पहली बार डॉ. विनीता दास गोल्ड मेडल दिया गया, यह पीजी के टॉपर्स को मिला। इस पर पैथोलॉजी विभाग की डॉ. शालिनी ने कब्जा जमाया। पहली बार साइकेट्रिक एलुमिनाइ गोल्ड मेडल पीजी छात्र को मिला। नेत्र रोग विभाग में पीजी के मेधावी डॉ. स्वाति प्रियदर्शी को व डॉ. गिरीश चंद्रा फाउंडेशन गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। संस्थान के दीक्षांत समारोह में पहली बार रिटायर डॉक्टर को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड मिलेगा। यह गठिया रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एके दास को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड मिलेगा। साथ ही डॉ. केबी भाटिया गोल्ड मेडल मिलेगा। साथ ही प्राइमरी के 50 बच्चे शामिल होंगे। इनके अगली पंक्ति में बैठने की व्यवस्था होगी। इसका मकसद बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना है। यह निर्देश राजभवन ने जारी किया है। डॉ. सौरभ गुप्ता, डॉ. सगारिका महापात्रा, डॉ. समीर एम हलागिरि, डॉ. समर्थ अग्रवाल, डॉ. सौरव प्रधान, डॉ. परमिंदर सिंह, डॉ. ज्योति, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. विकास, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. शशांक कुमार, चंद्रमौली मिश्र, डॉ. सुगंधी शर्मा, डॉ. शिखा आनंद, डॉ. खुशबू पांडेय, डॉ. रोहिन के सैनी, डॉ. उमेश चंद्र त्रिपाठी, डॉ. आकाश खंडेलवाल, डॉ. कुंतल कुमार सिन्हा, डॉ. निकिता पांडेय, डॉ. नईम शरीफ एन, डॉ. चंद्र शेखर पांडेय, डॉ. वाई किरण, डॉ. अभिलाषा सिन्हा, डॉ. तान्या दीक्षित, डॉ. बपी बरमन, डॉ. जयदेव एस, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. नुपुर श्रीवास्तव, डॉ. स्वाति प्रियदर्शिनी, डॉ. अनामिका दास, डॉ. आफताब अहमद अंसारी, डॉ.निशांत कुमार जायसवाल, डॉ. शेफाली गोयल, अंशु को सम्मानित किया गया।
