लखनऊ। सेना के इलेक्ट्ाॅनिक्स एवं मेकेनिकल इंजीनियर्स कोर का 77वाॅं स्थापना दिवस को लखनऊ छावनी में मनाया गया। इस अवसर पर मध्य कमान के सेनाध्यक्ष ले0 जनरल आईएस घुमन ने कोर के सभी सेवारत् एवं सेवानिवृत सैन्यधिकारियों, जूनियर कमीशन्ड अधिकारियों, अन्य रैेंकों के जवानों एवं उनके परिजनों को भेजे अपने संदेश में हार्दिक शुभकमानाएं दी। ले0 जनरल आईएस घुमन ने मध्य कमान के अंतर्गत आनेवाले परिक्षेत्रों में हथियार एवं उपकरण प्रणालियों के रखरखाव में अनुकरणीय योगदान के लिए इलेक्ट्ाॅनिक्स एवं मेकेनिकल इंजीनियर्स कोर की सराहना की। ले0 जनरल आईएस घुमन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोर वर्तमान की चुनौतियों के अनुरूप हथियारों एवं उपकरण प्रणालियों की जटिलताओं से निपटने में अपनी अहम् भूमिका निभायेगा। इस अवसर पर मध्य कमान के युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया जहाॅं मध्य कमान के मेजर जनरल इलेक्ट्ाॅनिक्स एवं मेकेनिकल इंजीनियर्स ;एमजी ईएमईद्ध मेजर जनरल जेएस सिदाना ने ‘स्मृतिका’ पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। ईएमई कोर की स्थापना ब्रिटिश काल में आयुध वर्कशाॅप एवं आपूर्ति तथा परिवहन कोर से जनित हैं जिसे 01 मई 1943 में इण्डियन इलेक्ट्किल एण्ड मेकेनिकल इंजीनियर्स (आईईएमई) का नाम दिया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत इस कोर के नाम से इण्डियन अर्थात ‘आई’ को हटा दिया गया और इसे ईएमई कोर के नाम से जाने जाना लगा। इस कोर की स्थापना काल से ही वर्ष 1962ए 1965 तथा 1971 के युद्धों सहित आॅपरेशन पवन, आॅपरेशन मेघदूत, आॅपरेशन विजय तथा आॅपरेशन पराक्रम और अन्य कई काउन्टर इसंर्जेसी आॅपरेशनों में युद्धक उच्च कोटि की तकनीकी एवं मषीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में इस कोर की भूमिका अहम रही। 01 जनवरी 2001 से इस कोर को ‘कोर आॅफ इलेक्ट्ाॅनिक्स एण्ड मेकेनिकल इंजीनियर्स’ के नाम से जाना जाता है।