गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर विधानसभा परिसर में कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच नोकझोंक

गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर विधानसभा परिसर में कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच नोकझोंक

गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच सदन के बाहर जोरदार नोकझोंक हुई। कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़े तो बीजेपी विधायकों ने उन्हें गेट पर रोक दिया। इस दौरान विधायकों के बीच नोकझोंक और खींचतान भी हुई।

गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र में पूरी तरह हावी हो गया है। बुधवार सुबह कांग्रेस विधायक पैदल मार्च करते हुए सत्र में शामिल होने के लिए पहुंचे। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार गैरसैंण के नाम पर राज्य की जनता के साथ छलावा कर रही है। कांग्रेस विधायक आज दो अभी दो गैरसैंण राजधानी दो के नारे लगाए और गैरसैंण-गैरसैंण करते हुए विधानसभा गेट की ओर बढ़े ही रहे थे। उन्होंने गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने के नारे लगाए। मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

कांग्रेस के विधायकों को भवन की ओर आते देख भाजपा विधायक गेट पर खड़े हो गए और उन्होंने कोंग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश के नेतृत्व में जैसे ही कांग्रेस गेट पर पहुंचे तो दोनों ही दलों के विधायक आमने–-सामने आ गए। एक दूसरे के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे। इस दौरान बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस विधायकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। हालांकि यह स्थिति ज्यादा देर नहीं रही।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार गैरसैंण को लेकर राज्य की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी के तौर पर विकसित कर लिया था, लेकिन भाजपा मिनी सचिवालय का शगूफा दे रही है। उन्होंने मांग की की सरकार गैरसैंण को तत्काल स्थाई राजधानी घोषित करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन में इसके लिए काम रोको प्रस्ताव लेकर आएगी।

दूसरी ओर सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार पहले ही ग्रीष्मकालीन राजधानी की ओर बढ़ रही है। गैरसैण का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजधानी के नाम पर राजनीति कर रही है। यदि कांग्रेस गैरसैंण को राजधानी बनाना चाहती तो कब की राजधानी बन जाती। कांग्रेस की ओर इंदिरा हृदयेश, प्रीतम सिंह, हरीश धामी, करन माहरा, मनोज रावत, राजकुमार, फुरकान अहमद समेत सभी विधायक शामिल थे। जबकि
बीजेपी की ओर से राजकुमार ठुकराल, पुष्कर धामी, संजय गुप्ता, सुरेश राठौर, आदि विधायक गेट पर आमने-सामने थे।

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