लखनऊ। फिजियोथेरेपी यानि भौतिक चिकित्सा जिसमें मरीज को चोट, जोड़ों के दर्द, हड्डियों और मुलायम टिश्यू के दर्द, हृदय, छाती और फेफड़े, दिमाग से संबंधित परेशानियों से बचाये जाने की कारगर चिक्तिसा पद्धति है। अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपिस्ट योगेश मन्ध्यान ने विश्व भौतिक चिक्तिसा दिवस (वल्ड फिजियोथेरेपी डे) के अवसर पर बताया कि फिजिकल थेरेपी एक स्वास्थ्य देखभाल की पद्धति है जिसका उद्देश्य आपके शरीर की अधिकतम कार्य क्षमता को विकसित करना, जीवन भर कायम रखना और सुधारना है। यह पद्धति आपके शरीर के सामान्य क्रियाकलाप फिर से बहाल करने और आपको किसी भी बीमारी या चोट से होने वाली अक्षमता से बचाती है। फिजियोथेरेपिस्ट आपके स्वास्थ्य इतिहास और शारीरिक परीक्षण के द्वारा निदान के तरीके और उसकी प्रबंधन योजना बनाता है और जब भी जरूरत हो लैब टेस्ट और इमेजिंग अध्ययन को अपनी रिपोर्ट में शामिल करता है। फिजियोथेरेपी के कई प्रकार हैं- कार्डियोपल्मोनरी ,गेरिएट्रिक्स न्यूरोलॉजिकल स्पोर्ट्स (खेल से संबंधी उपचार का तरीका) मैन्युअल (हाथों की सहायता से उपचार) ऑर्थोपेडिक (हड्डी एंव जोड़ संबंधी) पीडियाट्रिक्स (बच्चों का इलाज करने की विद्या) इत्यादि है।
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