मोहर्रम का चाॅद नज़र आते ही ग़मज़दा हुए अज़ादार

मोहर्रम का चाॅद नज़र आते ही ग़मज़दा हुए अज़ादार

कब कहा कौन मौलाना पढ़ेगे मजलिस
लखनऊ। संवाददाता माहे मोहर्रम का चाॅद आज नज़र आ गया मोहर्रम के चाॅद की तस्दीक शिया चाॅद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने करते हुए कहा कि माहे मेहर्रम की पहली तारीख 1 सितम्बर को होगी इस मेहर्रम मे अग्रेज़ी और हिजरी के महीने की शुरूआत भी एक साथ ही हुई है। हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लललाहु अलैहि वसल्लम के नवासे और मुशकिल कुशा शेरे खुदा हज़रत अली मुर्तुज़ा के बेटे हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 की मज़हबे इस्लाम के लिए दी गई उनकी कुर्बानी को पूरी दुनिया याद करती है। हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 ने हक की खातिर कर्बल के मैदान मे इस्लाम मुखालिफ ताकतो के सामने सर न झुकाते हुए अपने 71 साथियो के साथ जो अजीमुशान कुर्बानी दी उसकी कोई दूसरी मिसाल पूरी दुनिया मे नही मिलती है। मोहर्रम का महीना शुरू होते ही हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 के चाहने वाले उनकी याद मे गम मे डूब जाते है दो महीने और आठ दिनो तक शिया समुदाय मे अज़ादारी मनाई जाती है जगह जगह मजलिसो का आयोजन कर कर्बला का मंज़र पेश किया जाता है। इसके अलावा पहली मोहर्रम से लेकर दसवी मोहर्रम तक लखनऊ में शिया समुदाय द्वारा हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 की याद मे कई जुलूस भी निकाले जाते है। मोहर्रम का चाॅद नज़र आते ही शिया समुदाय के लोग अपने अपने घरो मे मजलिसो मातम का दौर शुरू कर देते है। पहली मोहर्रम से लेकर नौ मोहर्रम तक पूरे लखनऊ शहर मे इमाम बाड़ो मे मजलिसो का एहतिमाम किया जाता है। मोहर्रम के दौरान कहा कहा किस किसा समय कौन कौन से मौलाना मजलिसो को खिताब करेगे इसकी जानकारी हम आपको दे रहे है ताकि हमारे पाठको को को मजलिसो मे पहुॅचने मे आसानी हो और उन्हे समय का ध्यान रहे।

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