कई धर्मो के धर्मुगुरूओ ने की शिरकत हज़रत आएशा की पाक ज़िन्दगी पर डाला प्रकाश
लखनऊ। पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लललाहु अलैहि वल्लम मोहम्मद साहब की पत्नी हज़रत आएशा रजि0 की शान मे आज सुन्नी मजलिसे अमल की ओर से सुन्नी इन्टर कालेज मे अम्मी आएशा कान्फ्रेस का आयोजन किया गया। अम्मी आएशा कान्फ्रेंस मे उम्मीद से ज़्यादा मजमा एकत्र हुआ । कार्यक्रम मे कई धर्मो के धर्म गुरूओ ने शिरकत कर हजरत आएशा रजि0़ की पाक सीरत पर विस्तार से प्रकाश डाला। सुन्नी इन्टर कालेज के सैय्यदना सिददीक अक्बर हाल मे आयोजित अम्मी आएशा कान्फे्रस मे मुख्य अतिथि के तौर पर नदवातुल उलूम के प्रधानाचार्य मौलाना डाक्टर सईदुर्रहमान आज़मी ने शिरकत की। सुन्नी मजलिसे अमल के महासचिव मौलाना अब्दुल वली फारूकी के आवाहन पर आयोजित अम्मी आएशा कान्फ्रेस मे बोलते हुए मौलाना सईदुरर्हमान आज़मी नदवी ने कहा कि आज दुनिया मे मानवाधिकार और शैक्षिक अधिकारो और सुरक्षा व सेवा की बाते हो रही है जबकि समाज मे महिलाओ की ज़िन्दगी को बुलन्द करने के लिए हज़रत आएशा रज़ि0 की ज़िन्दगी का नमूना सदियो पहले से मौजूद है। इस अवसर बोलते मौलाना अब्दुल अली फारूकी ने कहा कि हज़रत आएशा पैगम्बरे इस्लाम के ईशारो को सबसे ज़्यादा समझने वाली महिला थीं । लंदन से आए डाॅक्टर मोहम्मद अकरम नदवी ने कहा कि आज दुनिया की कौमे इस्लाम की शिक्षाा के अनुसार मानवाधिकार विशेष कर महिलाओ के अधिकारों को अपनाने के लिए मजबूर है। मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी ने कहा कि हजरत आएशा रज़ि0 के महत्व को समझाने के लिए यही काफी है कि अल्लाह पाक ने उनका ज़िक्र पवित्र कुरान मे किया है। मौलान मतीनुल हक़ उसमा कानपुरी ने कहा कि आज दुनियां मे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा वास्तव इस्लामी शिक्षाओ का एक अंग है जिसे दुनिया अपनाने पर मजबूर है। इस अवसर पर संत समाज के आचार्य कृष्ण मोहन जी ने कहा कि हमे मरने के बाद की ज़िन्दगा का सबक हज़रत आएशा के तरीको से मिलता है। सिख समुदाय के राजेन्द्र सिंह बग्गा ने कहा कि एक पालनहार की इबादत करके समाज को सुन्दर और खुशहाल बनाया जा सकता है। इसाई समाज के बिशप डाॅक्टर अरूण ने इस अवसर पर कहा कि मज़हब इन्सानो से दोस्ती का पैगाम देते है हमे एक दूसरे का आदर व सम्मान करना चाहिए। मौलाना कफील अशरफ ने भी अम्मी आएशा कान्फ्रेंस को खिताब किया। सुन्नी मजलिसे अमल के महासचिव मौलाना अब्दुल वली फारूकी ने हज़रत आएशा रज़ि0 की प्राक मुकददस ज़िन्दगी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हज़रत आएशा रज़ि0 हम सबकी माॅ है औ हम अपनी माॅ की बेहुरमती कभी बर्दाश्त नही कर सकते है। मौलाना वली फारूकी ने अम्मी आएशा कांफ्रेस मे आए मेहमानो का स्वागत किया । अम्मी आएशा कांफे्रस का शुभारम्भ कारी बदरूददुजा ने तिलावते कुरान पाक से किया। इस अवसर पर अरशी ने तराना प्रस्तुत किया । अम्मी आएशा कांफ्रेस का संचालन मौलाना यासिर अब्दुल रहीम फारूकी ने किया। अम्मी आएशा कांफ्रेस मे डाॅक्टर सलमान खालिद के अलावा कई अन्य गणमान्य लोगो ने शिरकत की।