नौकरी के नाम पर बहला फुसला कर लाए गए दो नाबालिग बच्चो का सहारा बने पत्रकार

नौकरी के नाम पर बहला फुसला कर लाए गए दो नाबालिग बच्चो का सहारा बने पत्रकार


लखनऊ।  उनका जो काम है वो एहले सियासत जाने हमारा काम मोहब्बत है जहां तक पहुॅचे इसी शेर को पत्रकारो ने चरितार्थ करते हुए सीतापुर के लहरपुर से नौकरी दिलाने के नाम पर बहला फुसला कर लखनऊ लाए गए दो नाबालिग बच्चो की मदद के लिए हाथ बढ़ाए और पूरी छानबीन के बाद भूखे भटक रहे बच्चो को पुलिस के हवाले करते हुए उन्हे उनके घर रवाना करवा दिया। यहंा इस पुनीत कार्य मे पीआरवी के कमान्डर ने भी अहम रोल निभाते हुए अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया।
पुराने लखनऊ के नख्खास मे रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार शेख साजिद हुसैन सुबह करीब 9 बजे अपने घर से बाहर निकले तो बरामदे मे उन्हे दो नाबालिग बच्चे रोते हुए नज़र आए । उन्होने बच्चो से रोने का कारण पूछा तो बच्चो ने बताया कि वो सीतापुर के लहरपुर के गाॅव चनिया मेननया के रहने वाले है एक ने अपना नाम छोटू बताया दूसरे ने अपना नाम रमा कान्त राज बताया छोटू की उम्र 13 वर्ष और रमा कान्त की 14 वर्ष है। बच्चो ने उन्हे बताया कि उनके गाॅव का रहने वाला दीपू उन्हे यहंा नौकरी दिलाने की बात कह कर दो दिन पहले लाया था और छोड़ कर गायब हो गया । बच्चो ने बताया कि वो गरीब घर के है उनके घर मे आर्थिक संकट है इस लिए वो दोनो यहंा अपने परिवार की परेशानी कम करने के लिए नौकरी करने आए थे लेकिन दीपू के भाग जाने के बाद दोनो परेशान हो गए । उनके पास न खाने के लिए पैसे थे और न घर वापस जाने के लिए पैसे थे। दोनो बच्चो की बात सुन कर श्री साजिद सोंच मे पड़ गए उन्होने पूरा वाक्या अपने पत्रकार साथियों कायम रज़ा राहिल , ज़की भारती महेश पाडेण्य खालिद रहमान शमशुददीन , जाफर रज़ा को बताया तो पत्रकार भी पहुॅच गए क्यूकि आज के समय मे लोग पैसे कमाने के लिए तरह तरह के हथकन्डे अपनाते है इस लिए इतनी जल्दी किसी पर विश्वास भी नही किया जा सकता। दो नाबालिग बच्चो की परेशानी को देख कर पत्रकार सक्रिय हुए खालिद रहमान द्वारा सबसे पहले चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 मे पर सम्पर्क कर पूरी सूचना दी गई फिर इन्स्पेक्टर लहरपुर अनिल कुमार पाडेण्य से सम्पर्क कर उनको भी बच्चो के बारे मे बताया गया । सूचना इन्स्पेक्टर चैक पंकज कुमार सिंह को भी दी गई। चाईल्ड लाईन को सूचना देने के चन्द मिनट बाद ही बच्चो की मदद के लिए आगे आए पत्रकारो को सफलता मिली और पीआरवी कमान्न्डर गजब सिंह मौके पर पहुॅच गए गजब सिंह ने चन्द मिन्टो मे ही कई फोन काल करके बच्चो के पते का सत्यापन करते हुए उनके परिवार से सम्पर्क साध लिया और दोनो बच्चो को अपनी सुपुर्दगी मे लेते हुए लखनऊ की चाौक पुलिस के हवाले कर दिया। मौके पर पहुॅचे कई पत्रकारो ने बच्चो को पेट भर खाना खिलाने के बाद उन्हे पैसे दिए और अपना मोबाईल नम्बर देकर पीआरपी कमान्डर गजब सिंह के हवाले कर दिया । अपने परिवार के भरण पोषण के लिए नौकरी की तलाश मे लखनऊ आए गरीब बच्चो के चेहरे पर मुस्कान आई और दोनो बच्चो को उनके घर के लिए सुरक्षित हाथो मे सौपते हुए रवाना कर दिया गया।
पुराने सिपाही ने झाड़ा ज़िम्मेदारी से पल्ला कहा मुझे टाईम नही है
बरामदे मे बच्चो को राता देख पत्रकार साजिद शेख ने नख्खास चैकी पर कई वर्षो से तैनात सिपाही वंशलाल से सम्पर्क कर उन्हे पूरी बात बताई तो सिपाही वंशलाल ने अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए गैर ज़िम्मेदाराना बात कही । सिपाही ने श्री साजिद से कहा कि उसे बिल्कुल टाईम नही है और ये ज़िम्मेदारी उसकी नही बल्कि इन्स्पेक्टर चाौक की है इन्स्पेक्टर चैक से बताओ ये कहते हुए गैर ज़िम्मेदार सिपाही ने काल डिस्कनेक्ट कर दी। नख्खास चाौकी पर तैनात सिपाही वंशलाल यहंा लम्बे समय से तैनात है उनके बारे मे कहा जाता है कि वो पूरे क्षेत्र मे काफी चर्चित है और क्षेत्रवासियो से अच्छा सम्पर्क है है इनही सब चर्चाओ का फायदा उठा कर सिपाही वंशलाल लम्बे समय से एक ही चाौकी पर तैनात है लेकिन सिपाही की सोंच इन्सानियत के लिए कैसी है इसका उदाहरण आज लोगो को भलिभांति तब मिल गया जब सिपाही ने अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए एक ज़िम्मेदार पत्रकार द्वारा दी गई सूचना को हवा मे उड़ाते हुए अपना दामन बचा लिया।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up