अकीदत हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई ईद.ए.गदीर

अकीदत हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई ईद.ए.गदीर

110 मस्जिदो मे हुई विशेष नमाज़

घरो मे बने लज़ीज़ पकवान लोगो ने एक दूसरे को दी बधाई पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इन्तिज़ाम


लखनऊ।  मुशकिल कुशा शेरे खुदा अली मुर्तुज़ा हजरत अली अलैहिस्सलाम की शान मे मनाया जाने वाला ईद-ए-ग़दीर का त्योहार आज पूरी अकीदत और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज से करीब 1430 वर्ष पूर्व 18 जिल हिज 10 हीजरी को गदीर के मैदान मे हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मौला-ए-कायनात हज़रत अली अ0स0 की खिलाफत का एलान करते हुए कहा था मन कुन्तो मौला फा हाज़ा अली उन मौला यानि जिस जिस का मै मौला उस उस का अली मौला इसी खुशी मे शिया समुदाय के लोग आज के दिन को ईद-ए-ग़दीर के रूप मे मनाते है। ईद-ए-ग़दीर की विशेष नमाज़ लखनऊ 110 मस्जिदो मे अदा की गई । ईद-ए-ग़दीर की सबसे बड़ी नमाज़ लखनऊ के सआदतगंज स्थित मस्जिदे कूफा मे 11 बजे पढ़ी गई। नमाज के बाद नमाज़ियो ने एक दूसरे के गले मिल कर ईद-ए-ग़दीर की मुबारकबाद दी। इस मुबारक मौके पर लोगो ने अपने घरो मे नज़रे मौला का आयोजन भी किया और लज़ीज़ व्यंजन पकाए गए। ईद-ए-ग़दीर के मुबारक मौके पर लज़ीज़ पकवानो मे विशेष कर सिवई पकाई गई लोगो ने नए लिबास पहने बच्चे भी खूबसूरत लिबास मे खुशिया मनाते हुए नज़र आए। ईद-ए-गदीर के मौके पर कई जगह पर मेले जैसा माहौनल दिखा जहा दुकाने सजी थी दुकानो पर बच्चे खिलौने खरीदते हुए नज़र आए मैदानो मे आज के दिन विशेष कर झूले लगे हुए थे जहंा बच्चे झूलो का आनन्द लेते हुए भी नज़र आए। ईद-ए-गदीर की पूर्व संध्या पर एलान.ए.विलायत की याद में सोमवार रात पूरे शहर मे जगह.जगह महफिलो का आयोजन भी किया गया महफिलो मे मौला-ए-कायनात की शान मे कसीदे पढ़े गए। ईद-ए- गदीर की तैयारियां पहले से ही शुरू हो जाती है ईद-ए-गदीर के मौके पर इमाम बाड़ो को दुलहन की तरह सजाया गया था खास कर शिया बाहुल्य क्षेत्रो मे इस त्योहार की रौनक देखते ही बन रही थी । ईद-ए-गदीर के त्योहार को शान्तीपूर्ण माहौल मे सम्पन्न कराने के लिए पुलिस ने भी सुरक्षा के चाक चैबन्ध इन्तिज़ाम किए थे संवेदनशील क्षेत्रो मे पुलिस के तवानो की डियूटी लगाई गई थी। ईद-ए-गदीर के त्योहार से पहले ही नगर निगम ने पुराने लखनऊ मे सफाई की व्यवस्था भी चैकस कर दी थी । सोमवार की रात इमामबाड़ों और रौजों में जश्ने मौला-ए-कायनात मनाया गया। नज्र दिलाने के साथ ही लोगों ने नए.नए कपड़े पहने और एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। वहीं रौजा-ए-काजमैन में गदीर अकादमी की ओर से हुई ऑल इंडिया महफिले मकासिदा जश्ने ऐलान-ए-गदीर में देश भर से आए शोआरा ने बारगाहे मौला में अशहरा पेश किए।

इससे पहले आयतुल्लाह मौलाना हमीदुल हसन ने गदीर की महफिल में कहा कि आज से करीब 15 सौ साल पहले गदीर के मैदान में पैगंबर मोहम्मद साहब ने हजरत अली ;अ0स0 की विलायत का ऐलान किया था। अगर आलमे इस्लाम उस पर अमल करता तो आज दहशतगर्दी का वजूद न होता। मोहम्मद साहब ने गदीर में सिर्फ अपने जानशीन का ऐलान नहीं किया थाए बल्कि मोहब्बत और हिदायत का पैगाम दिया था जिसे दुनिया ने भुला दिया और आज मुसलमानों की यह दुर्दशा है।
इस अवसर पर मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मुसलमानों ने गदीर को भुला दिया इस लिए आज दुनिया भर में रुसवा हो रहा है। गदीर के बिना इस्लाम मुकम्मल नहीं है। महफिल का संचालन क़िरतास करबलाई ने किया।
इसके बाद देश भर से आए शोअरा ने बारगाहे मौला में अपने कलाम पेश किए।
इनमें बेताब हल्लौरी नसीराबाद के खादिम शब्बीर रामपुर के शहजादा गुलरेज गौहर सुल्तानपुरी शम्स तबरेज झारखंड वकार नकवी बाराबंकी सागर बनारसी व वारिस जलालपुरी। स्थानीय शायरों में तजस्सुस एजाजी जर्रार अकबराबादी नय्यर मजीदी मुख़्तार लखनवी मंजर उतरौलवी शकील उतरौलवी हबीब शारबी शान आब्दी हैदर रजा खुशनूद मुस्तफा आरिफ अकबराबादी रिजवान हसन व सादिक फंदेड़वी ने अपने कलाम पेश किए।

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