पीड़िता ने कहा धन बल के आधार पर हत्या जैसे मुकदमे से आरोपियो को पुलिस ने दी क्लीन चिट
इन्स्पेक्टर बोले जाॅच दोबारा हो रही है आरोप सिद्ध होने पर मुलज़िम बनाए जांगे आरोपी
लखनऊ। आज से 117 दिन पूर्व उन्नाव के सोहराऊ मे ज़हर देकर कत्ल की गई नाज़िया फात्मा की हत्या का मुकदमा दर्ज कर वाहवाही लूटने वाली सआदतगंज पुलिस मुकदमे की जाॅच मे गम्भीर सवालो के घेरे मे आ गई है। हत्या मे नामज़द कराए गए तीन लोगो मे से दो को विवेचक ने दोष मुक्त करते हुए विवेचना के दौरान क्लीन चिट दे दी तो मृतिका की माॅ ने इस जाॅच पर गम्भीर आरोप लगाते हुए मुकदमे की पुनः जाॅच की माग कर डाली अब मुकदमे की दोबारा जाॅच हो रही है। आपको बता दे कि मैदान एलएच खाॅ सआदतगंज की रहने वाली नाज़िया फात्मा की 13 अप्रैल 2019 को उन्नाव के सोहरामऊ मे ज़हरीला पदा्रर्थ देकर उसके पति द्वारा हत्या कर दी गई थी । नाज़िया के पति ने भी कोई नशीला पदार्थ खा लिया था जिसे अस्पताल मे भर्ती कराया गया था । उन्नाव पुलिस ने नाज़िया की हत्या के बाद कोई मुकदमा दर्ज नही किया था काफी जददो जेहद के बाद मृतिक की माॅ ने घटना के चार दिन बाद सआदतगंज थाने मे मृतिका के पति रज़ा हुसैन रिज़वी उर्फ विक्की हसन रिज़वी व शाहिदा बानो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर करवाया था। नाज़िया फात्मा की हत्या के बाद मुकदमा दर्ज करने वाली सआदतगंज पुलिस ने मृतिका के पति को गिरफ्तार कर लिया लेकिन हत्या के मुकदमे मे नामज़द आरोपी हसन रिज़वी और मृतिका की सास शाहिदा बानो को मुकदमे की जाॅच के दौरान दोष मुक्त करते हुए दोनो को क्लीन चिट दे दी गई। बेटी नाज़िया फात्मा की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने वाली उसकी माॅ नुसरत ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए मुकदमे की दोबारा जाॅच की माॅग की तो इन्स्पेक्टर सआदतगंज महेश पाल सिंह बचाव की मुद्रा मे आकर सधा हुआ बयान दे रहे है उनका कहना है कि किसी के किसी को आरोपी कह देने से कोई आरोपी नही हो जाता है हत्या जैसे मुकदमे मे किसी बेकसूर को बिना किसी ठांेस सुबूत के दोषी नही बनाया जा सकता है उनका कहना है कि मुकदमे की दोबारा जाॅच की जा रही है वादिनी अगर कोई साक्ष्य देना चाहती है तो दे दे जो भी दोषी पाया जाएगा बख्शा नही जाएगा। सआदतगंज पुलिस द्वारा हत्या के मुकदमे की जाॅच मे दोष मुक्त करार दिए गए हसन रिज़वी और शाहिदा फात्मा पर आपत्ति जताते हुए नुसरत ने मुख्यमंत्री , डीजीपी ,आईजी समेत पुलिस के अन्य कई अधिकारियो को पत्र लिख कर मुकदमे की जाॅच मे नज़र अन्दाज़ किए गए कई पहलुओ की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए दोबारा जाॅच की मांग तो जाॅच पुनः शुरू कर दी गई। नुसरत ने शिकायती पत्र मे लिखा है कि महज़ शपथ पत्रो के आधार पर हसन रिज़वी और शाहिदा बानो को दोष मुक्त कर दिया गया है । नुसरत का आरोप है कि हत्या का मुकदमा दर्ज करने से पहले पुलिस ने कई बार उनसे तहरीर बदलवाई थी जिससे हसन रिवजी को बचाया जा सके मुकदमे मे तीन लोगो को नामज़द किया गया था लेकिन विवेचक ने न तो आरोपियो की काल डिटेल की ठीक से जाॅची और न ही उनके द्वारा बताए जा रहे जाॅच बिन्दुओ को सुना गया । नुसरत का आरोप है कि उनकी बेटी के शव के पंचायत नामे मे मृतिका के पिता मिर्ज़ा मोहम्मद इब्राहीम के नाम का उल्लेख किया गया है जबकि इब्राहीम की मौत 24 वर्ष पूर्व हो चुकी है। मुकदमे मे उनके बेटों के जिस तारीख मे बयान दर्ज करने की बात लिखी गई है उस तारीख मे उनके बेटे भारत मे थे ही नही । उन्होने पुलिस पर आरोप लगाए है कि पुलिस ने ये जाॅच करने की कोशिश भी नही की कि उनकी बेटी को उन्नाव क्ंयू ले जाया गया उसे दिया जाने वाला ज़हर कहंा से और किसने खरीदा । मुख्य अरोपी पति उसकी माॅ और हसन रिज़वी के बीच मोबाईल फोन पर हुई लम्बी बातचीत की गहन जाॅच क्यू नही की गई। नुसरत ने दोष मुक्त किए गए आरोपियों पर धन बल के इस्तेमाल कर मुकदमे से नाम निकलवाने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि सआदतगंज पुलिस ने सोहरामऊ मे हुई हत्या की घटना के बाद हत्या के मुकदमे को क्राईम नम्बर देकर लिखा जबकि मुकदमा निल पर लिख कर उसकी जाॅच सोहरामऊ पुलिस को दी जानी चाहिए थी । नुसरत ने सआदतगंज पुलिस पर आरोप लगाया है कि हत्या जैसे संगीन मुकदमे मे आरोपी बनाए गए अभ्यिुक्तो से सांठगांठ कर पुलिस ने आरोपियो के इशारे पर ही काम किया है। नुसरत द्वारा लगाए गए आरोपो के बाद अब सवाल ये उठ रहे है कि अक्सर सीमा विवाद को लेकर आपस मे टकराने वाली पुलिस ने उन्नाव के सोहरामऊ में हुई हत्या का मुकदमा निल पर न लिख कर क्राईम नम्बर पर क्यूं लिखा सवाल कई है जिसके जवाब पीड़िता को जानने का हक है।