लखनऊ। प्रदेश में आदिवासियों, दलितों, महिलाओं व अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले के खिलाफ 5 अगस्त को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) परिवर्तन चैक से जीपीओ तक विरोध मार्च निकालेगी। मार्च का नेतृत्व का0 सुभाषिनी अली, पोलित ब्यूरो सदस्य एवं डा0 हीरालाल यादव राज्य सचिव करेंगे। विदित हो कि ‘‘भय मुक्त समाज’’ का दावा करने वाली योगी सरकार में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों, व आदिवासियों के खिलाफ हिंसा ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। पिछले छह महीने के आंकड़े देखें जाय तो पाते हैं कि बलात्कार के ही 1398 मामले दर्ज हुए हैं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। सरकार की विभाजनकारी राजनीति के कारण अल्पसंख्यकों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की घटनओं ने दहशत का माहौल बनाया है। हाल में चंदौली में एक लड़के को जिंदा जला दिया गया क्योंकि उसने ‘‘जय श्री राम’’ नहीं बोला था। सोनभद्र का सामूहिक नरसंहार बताता है कि किस प्रकार भू माफिया प्रशासन व पुलिस के गठजोड़ से जंगल की जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। सीपीआई (एम) का यह विरोध मार्च आदिवासियों, महिलाओं, दलितों, व अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले के खिलाफ हो रहा है।
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