कुर्बानी करते समय न फोटो लें और न सोशल मीडिया पर अपलोड करें
लखनऊ, । जिल हिज्ज के महीने के पहले दस दिन बहुत बरकत वाल हैं। हदीस शरीफ में पहली जिल हिज्ज से 09 तारीख तक रोजे रखने की बहुत फजीलत आयी है। इन दिनों में किसी भी नेक काम करने का सवाब आम दिनों के मुक़ाबले में कई गुना ज़्यादा है। लिहाज़ा हम लोगों को चाहिये कि इन दिनों में नमाज़, तिलावत, ज़िक्र, सदक़ा व खैरात का ज़्यादा से ज़्यादा एहतिमाम करें।
इन ख्यालात का इज्हार इमाम ईदगाह व काजी-ए-शहर लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने किया। वह आज इस्लामिक सेन्टर में जिलहिज्ज माह की अहमियत व फजीलत पर आयोजित एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हदीस पढ़ने से ये बात मालूम होती है कि रसूल सल्ल0 ने चार चीज़ों को कभी भी नहीं छोड़ा। यौमे आसूरा, ज़िलहिज्जा के 9 दिन, अय्यामे बीज़ (हर महीने की 13, 14, 15 तारीख) के रोज़े और फज्र की सुन्नतें।
मौलाना फरंगी महली ने तमाम मुसलमानों से अपील की कि वह 02 अगस्त को जिलहिज्ज का चाॅद देखने का विशेष एहतिमाम करें अगर 02 अगस्त को चाॅद हो गया तो 12 अगस्त को ईद उल अज़हा होगी।
उन्होने कहा कि उ0 प्र0 के डी0जी0पी0 ने हम को यह यकीन दिलाया है कि जो किसान या मवेशी व्यापारी कुर्बानी के जानवर अपने गाॅव से शहर लाते हैं, पुलिस उनकी पूरी सुरक्षा करेगी और उनके जानवरों को लाने और ले जाने मे कोई रुकावट नही होगी।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ईदुल अज़हा की नमाज़ के बाद हर साल की तरह इस साल भी कुर्बानी का खुसूसी एहतिमाम करें जो कि हज़रत इब्राहीम अलै0 की सुन्नत है और इस मौके़ पर कुर्बानी का एक हिस्सा गरीबों में ज़रूर बांटें क्योंकि कुर्बानी के ज़रिये पूरे मुल्क और दुनिया में करोड़ों गरीबों के कई दिनों के खाने का इन्तिज़ाम हो जाता है।
उन्होंने इस मौक़े पर मुसलमानों से अपील की कि कुर्बानी के बारे में कुछ बातों का खयाल रखें। (1) वो जानवर जिन पर कानूनी पाबन्दी है उनको हरसाल की तरह इस साल भी कुर्बानी ना करें, (2) गलियों या रोड पर कुर्बानी ना करें जिससे राहगीरों को परेशानी हो जिसकी मज़हब और अखलाक़े नबवी में वाज़ेह तालीमात हैं। (3) कुर्बानी के जानवर की बक़िया चीज़ें अवामी जगहों पर ना फेकंे बल्कि नगर निगम की तरफ से इस बारे में जो इन्तिज़ामात किये गये हैं उनका ही उपयोग करें। (4) कुर्बानी करते वक़्त जानवर की फोटो ना ली जाए और ना उसको सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाये। (5) जानवर की खालें खुदा की राह में सदक़ा करेें। (6) कुर्बानी के जानवर का खून नालियों में ना बहाएं। (7) कुर्बानी में भी सफ़ाई सुथराई का खास ख्याल रखें। (8) इन पवित्र दिनो में स्वास्थ्य और वातावरण का विशेष ध्यान रखें।
