अमेरिका में साल 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का निजी डाटा चुराने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले फेसबुक ने भी ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में जीत में कथित मदद करने के आरोप में ‘कैम्ब्रिज ऐनलिटिकल’ को निलंबित कर दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक ब्रिटेन के चार न्यूज चैनल में ये खबर दिखाए जाने के बाद अलेक्जेंडर को संस्पेंड करने का फैसला किया गया। बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने वाली एक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं की निजी जानकारी चुराने का आरोप लगा है।
इसी जानकारी को अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था। मामले के सामने आते ही अमेरिका और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक इंक से जवाब मांगा और जुकरबर्ग को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। इसके चलते फेसबुक के शेयर 7% टूट गए। शेयर की कीमत घटने की वजह से फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्क को एक दिन में 6.06 अरब डॉलर (करीब 395 अरब रुपये) का झटका लगा है।
सख्त नियम के लिए दबाव बनेगा
वैसे तो फेसबुक की ओर से पहले ही यह बताया गया था कि साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले रूसी लोगों ने कैसे इस्तेमाल किया था। लेकिन अब जुकरबर्ग के सवालों के घेरे में आने के बाद इस सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सख्त रेग्युलेशन का दबाव बन सकता है। ब्रिटेन के एक सांसद ने कहा है कि देश के प्राइवेसी वॉचडॉग को अधिक ताकत मिलनी चाहिए।
क्या है कैंब्रिज एनालिटिका
कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डाटा माइनिंग और डाटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे ब्रिटेन के लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है। कंपनी से जुड़े एक कर्मचारी क्रिस्टोफर ने नैतिकता को आधार बनाते हुए ये जानकारी सार्वजनिक की थी कि उनकी फर्म ने चुनावों को प्रभावित करने और ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए फेसबुक के उपभोक्ताओं के डाटा का इस्तेमाल किया था।
कम हो रहे उपभोक्ता
इस सूचना के लीक होने के बाद से फेसबुक के वैश्विक स्तर पर चौथी तिमाही में उपभोक्ताओं की संख्या 14 फीसदी बढ़ी है, लेकिन अमेरिका और कनाडा में स्थिति अच्छी नहीं है। यहां चौथी तिमाही के अंदर सिर्फ तीन महीने में एक करोड़ उपभोक्ताओं की संख्या घटी है।