लखनऊ। उन्नाव रेप पीड़िता सड़क दुर्घटना पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह एक्सीडेंट का मामला प्रतीत हो रहा है। पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है एक टीम गठित की गई है जो पूरे मामले की जांच कर रही है उनकी सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं हुई अपने वाहन में जगह की कमी के कारण, दुष्कर्म पीडिता ने सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों से अनुरोध किया कि वह कल रायबरेली में उसके साथ न जाएं। मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी प्राथमिक जांच से पता चलता है कि यह तेज रफ्तार ट्रक की वजह से हुआ एक हादसा है। ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है यदि पीड़ित परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग करता है, तो इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगे। पीड़िता की सुरक्षा को लेकर 10 पुलिस कर्मियों को लगाया गया था 7 पुलिस कर्मी हाउस गार्ड के रूप में लगे थे। 3 रेप पीड़िता के साथ रहते हैं पीड़िता ने पुलिस कर्मियों से कहा था कि जब जरूरत होगी तो आपको बुला लेंगे। यही वजह थी कि हादसे के समय सुरक्षाकर्मी उनके पास नहीं था, क्योंकि उन्होंने मना किया था सुरक्षा गार्ड बलात्कार की पीड़िता आउट आफ डेंजर है राज्य सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। अगर पीड़िता का परिवार सीबीआई जांच की मांग करता है तो हम तैयार हैं। सरकार पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करा रही है। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे को लेकर पुलिस हत्या की साजिश और दुर्घटना के कोण से जांच कर रही है। इस बीच लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने अस्पताल जाकर हालात का जायजा लिया। कृष्ण का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता और उसका वकील लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। उनकी कुछ हड्डियां टूट गई हैं। एक के सिर पर भी चोट लगी है। ट्रक को जब्त कर लिया गया है और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन अब तक किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। मैंने परिजनों से कहा है कि वे जल्द रिपोर्ट कराएं। एडीजी ने कहा कि ट्रक के लाइसेंस नंबर पर काले रंग की हमे कोई जानकारी नहीं है लेकिन दोनों ही वाहनों की फोरेंसिक जांच होगी और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी
