लखनऊ। लखनऊ में कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर नगर निगम द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, महापौर संयुक्ता भाटिया, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, विधायक नीरज बोरा, न्याय मंत्री बृजेश पाठक एवं उत्तर प्रदेश के मंत्रीमंडल के कई मंत्री मौजूद रहें। सभी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों के परिजनों का माल्यार्पण और स्मृति चिन्ह दे कर उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा कि मैं कारगिल विजय दिवस की बधाई देता हूं। सैनिकों ने दुश्मनों पर विजय प्राप्त की थी। पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में सैनिकों ने विपरीत परिस्थतियों में भी देश को विजय दिलाने का काम किया था। आज का दिन भारत के शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान का दिन है। भारत के सभी नागरिको को सेना पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। वर्ष 1999 में पूरी दुनिया ने भारत का पराक्रम देखा था। कारगिल युद्ध में उत्तर प्रदेश के जवानों ने सबसे अधिक शहादत दी। लखनऊ के भी पांच जांबाज मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।प्रदेश में अब तक चार जांबाजों को परमवीर चक्र मिला, जिसमें दो परमवीर चक्र कारगिल युद्ध के दौरान शहीद कैप्टन मनोज पांडेय और ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव को दिए गए। आपको बता दें कि इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल में शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के पिता गोपीचंद पांडेय और शहीद लांसनायक केवलानन्द द्विवेदी के परिवार को सम्मानित किया। साथ ही शहीद मेजर रितेश शर्मा के परिजनों, राइफल मैन शहीद सुनील जंग का परिजनों, काकोरी कांड में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों के परिजनों, शहीद ठाकुर रोशन सिंह के परिजनों, अशफाक उल्ला खां के प्रपौत्र आफाक उल्ला खां को भी सीएम और राज्यपाल रामनाईक ने सम्मानित किया। लखनऊ के एकेटीयू (अब्दुल कलाम टेक्रिकल यूनिवर्सिटी) में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश आज नक्सल से मुक्ति की तरफ बढ़ रहा है। साथ ही कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।
