सुप्रीम कोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को 10 मई तक दो किश्तों में 200 करोड़ रूपये जमा करने को कहा। कोर्ट ने कहा है कि रीयल स्टेट कंपनी को छह अप्रैल तक 100 करोड़ रुपये जबकि बकाया 100 करोड़ रुपये 10 मई तक जमा करवाने होंगे।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि जेपी खरीदारों के पैसे पर बैठे नहीं रह सकता। हमें खरीदारों की चिंता है, कोर्ट खरीदारों की फ्लैट दिलाने या पैसे दिलाने में मदद करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जेएएल से कहा कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीददारों की परियोजना-दर-परियोजना चार्ट जमा करे, ताकि उन्हें आनुपातिक आधार पर धन वापस किया जा सके। कोर्ट ने ये भी कहा कि रिफंड का विकल्प चुनने वाले मकान खरीददारों को रीयल स्टेट फर्म की ओर से कोई ईएमआई भुगतान डिफॉल्ट की नोटिस ना भेजी जाये।
जेएएल ने कोर्ट को बताया कि उसे 2017-2021 में 13,500 फ्लैट के लिए कब्जा प्रमाणपत्र मिले। जबकि आठ प्रतिशत मकान खरीददारों ने रिफंड का विकल्प चुना है।
आपको बता दें कि जेपी ने दो हजार करोड़ में से 550 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट अब मामले की सुनवाई 16 अप्रैल को करेगा कि किस तरीके से ये रुपये खरीदारों को दिए जाएं।
गौरतलब है कि जेपी एसोसिएटस लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर कहा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि था कि JAL हलफनामा दाखिल कर बताए कि देशभर में उसके कितने हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एमिक्स को खरीदारों के संबंध में चार्ट देने को कहा था, जो रिफंड चाहते हैं।