लखनऊ। सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर शुक्रवार को यूपी विधानसभा में भी जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अबतक मामले में मुख्य आरोपी प्रधान समेत 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है कि जमीनी कब्जे को लेकर बीते 17 जुलाई को ग्राम प्रधान और उनके गुर्गों ने मिलकर 10 आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया। जबकि कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिनका ईलाज चल रहा है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुए हत्याकांड पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है, शुक्रवार को उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम योगी ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी.कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन पर काफी समय से विवाद था. सीएम योगी ने कहा कि पाड़ित पक्ष इस जमीन पर खेती कर रहा था और आरोपी प्रधान को कुछ पैसा भी दे रहा था, लेकिन इस मामले में प्रधान द्वारा वाद दायर करने के बाद पीड़ित परिवार ने पैसा देना बंद कर दिया था. उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें एक आरोपी ग्राम प्रधान भी है. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह स्वीकार किया कि अधिकारियों ने इस मामले में लापरवाही बरती. उन्होंने कहा कि जमीन पर विवाद था और शांति भंग की आशंका थी. फिर अधिकरियों ने लापरवाही की. जिलाधिकारी, क्षेत्रधिकारी समेत तीन लोगों पर जांच कमेटी ने कार्रवाई की संस्तुति की है. इधर, सोनभद्र मामले को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. बता दें कि सोनभद्र में बुधवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्ष में हिंसक भिड़ंत हुई थी. घटना में 10 लोग मारे गए जबकि 20 से ज्यादा घायल हो गए थे. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी आज घायलों से मुलाकात करने सोनभद्र पहुंचीं हैं. उन्होंने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर करारा हमला बोला है।इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीईओ और एचएसओ, इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर को लापरवाही पर सस्पेंड करने के आदेश दिए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में आगे कहा कि सरकार की तरफ सभी घायलों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही इस निंदनींय घटना की जांच का आदेश भी दिया गया है। विस्तृत जांच कि रिपोर्ट दस दिन में आ जाएगी। इस दौरान सदन में हंगामा चलता रहा। स्थिति बिगड़ते देख अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन को 40 मिनट के लिए स्थागित कर दिया। स्थागित होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने कहा यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हत्याकांड में 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी। सोनभद्र के विवाद के लिए 1955 और 1989 की कांग्रेस सरकार दोषी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र में जो घटना घटी है, उसकी नींव 1955 में रखी गई थी। इस पूरे प्रकरण में ग्राम पंचायत की जमीन को 1955 में आदर्श सोसाइटी के नाम पर दर्ज कर किया गया था। इस जमीन पर वनवासी समुदाय के लोग खेती बाड़ी करते थे। बाद में इस जमीन को किसी व्यक्ति के नाम 1989 में कर दिया गया था। 1955 में कांग्रेस की सरकार थी। सोनभद्र के मामले में योगी आदित्यानाथ ने कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन पर काफी समय से विवाद था।
