लोकसभा में अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक आज लगातार 13वें दिन भी नहीं चल सकी और अन्नाद्रमुक एवं तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों की नारेबाजी के बीच कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग और पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत कई अन्य मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए तेलुगू देशम पार्टी के टी. नरसिंहन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई बी सुब्बारेड्डी द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता जताई ।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब तक सदन में व्यवस्था नहीं होगी, तब तक मैं अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 50 सदस्यों की गिनती नहीं कर सकती। इसके बाद कांग्रेस, माकपा और कुछ दूसरे विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर हाथ ऊपर कर दिये। आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो टीआरएस के सदस्य ‘एक राष्ट्र एक नीति की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गये, वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य आगे आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे।
राजद से निष्कासित राजेश रंजन बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा हुआ था, ‘बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो, अपना वादा पूरा करो। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सदस्यों से आग्रह है कि वे अपने स्थानों पर वापस चले जाएं। सरकार अविश्वास प्रस्ताव सहित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सदन के भीतर और सदन के बाहर पूर्ण विश्वास हासिल है। हंगामा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण वह अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं। इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। पिछले सप्ताह शुक्रवार और बीते सोमवार तथा मंगलवार को भी सदन में हंगामे के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सका था।
इससे पहले आज सुबह 11 बजे भी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
राज्यसभा में आज भी नहीं हुआ कोई कामकाज
कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज भी शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। सुबह, 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया और मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी का नाम पुकारा। इसी बीच अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा आदि के सदस्य आसन के समक्ष आ गए।
अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य जहां कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे वहीं तेदेपा के सदस्य कडप्पा में इस्पात संयंत्र लगाने की मांग कर रहे थे। वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और कांग्रेस सदस्य केवीपी रामचंद्र राव भी आसन के समक्ष आ कर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। हंगामा कर रहे इन सदस्यों के हाथों में पोस्टर भी थे। सभापति ने इन सदस्यों से कहा ”सदस्य सदन के नियमों से अवगत हैं । फिर भी मैं दोहराता हूं कि सदन में इस तरह पोस्टर न दिखाएं। सभापति नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि हर दिन इस तरह सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। हंगामे के बीच ही सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कुछ कहने की अनुमति मांगी।
आसन की अनुमति से उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी ही नहीं की। आजाद ने कहा ”इस मुद्दे पर सदन में चर्चा जरूरी है। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर अविलंब चर्चा की जाए। इस पर सभापति ने कहा ”आप नोटिस दें। नोटिस मिलने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय तय कर दिया जाएगा। लेकिन पहले नोटिस देना होगा। इस दौरान अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा सदस्यों की आसन के समक्ष नारेबाजी जारी रही।
नायडू ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ”नारेबाजी से न ही कुछ होगा और न ही यह रिकॉर्ड में जाएगा। आप अपने स्थानों पर जाएं और सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दें। शोरगुल के बीच ही आजाद ने कहा ”हम एक अन्य मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। कल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में लापता हुए 39 भारतीयों के मारे जाने के बारे में सदन में एक बयान दिया था। उन्होंने इन भारतीयों के बारे में पिछले साल भी सदन में एक बयान दिया था। हम चाहते हैं कि इस बारे में भी सदन में चर्चा हो। यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। सभापति ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नोटिस देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा ”आप जिस मुद्दे पर भी चर्चा चाहते हैं, उसके लिए नोटिस दें। नोटिस पर विचार करने के बाद चर्चा के लिए समय तय कर दिया जाएगा। सदन में मौजूद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा ”इस तरह हंगामा जारी रहा तो चर्चा कैसे हो पाएगी। सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। सदस्य कृपया सदन चलने दें। हम पहले ही कह चुके हैं कि हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन आप पहले सदन तो चलने दीजिये। उन्होंने कहा ”हर दिन बैठक शुरू होते ही हंगामा हो जाता है और फिर कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। सदन चलाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं होती। यह जिम्मेदारी विपक्षी सदस्यों की भी होती है। सदस्यों को यह बात समझनी चाहिए। गोयल ने कहा ”आपको चर्चा भी चाहिए और हंगामा भी करना है। यह कैसे हो सकता है।
नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन में पोस्टर नहीं दिखाने और अपने स्थानों पर लौट जाने तथा सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा ”ऐसा मत कीजिये, आप जो कर रहे हैं, वह लोगों को दिखाई दे रहा है। ऐसा मत कीजिये। इस तरह कार्यवाही हर दिन बाधित करना ठीक नहीं है।
इसी बीच, कांग्रेस के सदस्य अपने नेता आजाद द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए ।
नायडू ने कहा ”यह क्या हो रहा है ? क्या हम इतने असहाय हो गये हैं? जो मुद्दे आप उठा रहे हैं, वह महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और मैं सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हूं। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। फिर हर दिन इस तरह कार्यवाही बाधित करने का कारण समझ नहीं आता। सभापति ने कहा ”मैं आप सबसे अपील करता हूं कि अपने स्थानों पर जाएं और सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दें। आखिर कब तक ऐसे चलेगा। क्या आप चाहते हैं कि लोग यह व्यवधान देखें ?
बहरहाल, सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट के अंदर ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल उच्च सदन में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में बताया था इराक में अपहृत किए गए सभी 39 भारतीय मारे जा चुके हैं और उनके शव मिल गए हैं।
सुषमा ने बताया कि वह पहले भी कहती रही हैं कि सबूत न मिलने तक वह अपहृत भारतीयों को मृत घोषित नहीं करेंगी। उन्होंने कहा ”अब सबूत मिल गए हैं। बहुत दुख के साथ मैं सदन को यह सूचना दे रही हूं कि इराक में अपहृत 39 भारतीय मारे गए। बुधवार को ही उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में उच्चाधिकारी की अनुमति के बिना नौकरशाहों की गिरफ्तारी नहीं होगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस अधिनियम का दुरूपयोग हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक उच्च सदन में एक भी दिन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाए हैं और न ही कोई कामकाज हो पाया है। सिर्फ आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर करीब एक घंटे तक महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा हुई थी।