

लखनऊ। बी०आर० ईशारा की अमिताभ बच्चन व जया भादुरी अभिनीत फिल्म एक नज़र तथा ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित नमक हराम मे सशक्त चरित्र भुमिका करके भारतीय फिल्म उद्योग मे आगमन करने अभिनेता रज़ा मुराद जो आगे चल के राज कपूर की फिल्म प्रेम रोग व राम तेरी गंगा मैली, सुभाष घ ई की राम लखन, राजीव राय की त्रिदेव, विश्वात्मा, मोहरा, राहुल रवैल की डकैत, आशुतोष गोवारीकर की जोधा अकबर, संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत जैसी प्रमुख फिल्मों मे शानदार भूमिकाएं की
कल लखनऊ मे लखनऊ के मशहूर और मारूफ शायर श्री सुहैल काकोरवी की बारहवीं पुस्तक का विमोचन करने के लिये हिन्दी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी व अदबी संस्थान की तरफ से आमंत्रित किये गये तथा सुहैल काकोरवी की पुस्तक नवलोकन का विमोचन किया, उन्होंने मै अब तक काकोरी को दो वजहो से जानता था काकोरी रेल काण्ड व काकोरी कबाब पर अब तीसरी वजह से जानूगाँ और वो है सुहैल काकोरवी, उन्होंने सुहैल काकोरवी की शायरी सराहना की, इस बीच रज़ा मुराद ने कुछ हल्के फुल्के मज़ाक भी किये जिससे कार्यक्रम मे आये दर्शकों चेहरे पर मुस्कान आयी जैसे किसी बात मजाहिया अंदाज मे बोले कि बीवी और सिगरेट नुकसानदेह हरगिज़ नहीं होती सिर्फ उन्हें सुलगाईये ना, इससे पहले सिराज अजमली,शाफेय किदबाई, डॉ॰ सुरेश व प्रोफेसर शारिब रूदौलवी ने सुहैल काकोरवी की शायरी पर अपनी तकरीरात की, गौरतलब हो कि यह आयोजन श्री सुहैल काकोरवी के जन्मदिन अर्थात 7 जुलाई को था जिसके चलते कार्यक्रम मे तमाम अतिथियों व दर्शकों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई व शुभकामनाएँ भी दी
इसी दिन रात मे एक सुफियाना महफिले समां की महफिल भी रखी गयी यह महफिल रज़ा मुराद साहब के एज़ाज़ मे रखी गयी जहाँ रज़ा मुराद ने समां की महफिल का लुत्फ उठाया जहाँ कफील अहमद व शबीब अहमद की गायकी ने महफिल ए समां मे रंग जमा दिया रज़ा मुराद साहब तो उस महफिल से इतने मुतास्सिर हुए कि भोजन की भी सुध ना रही
जैसे मानो उन्हें एक सुरूर सा तारी हो गया उसी सुरूर मे उन्होने उस महफिल से विदा ली ।
