इराक के मोसुल में चार पहले लापता हुए 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में इस बात की जानकारी दी। इराक में मारे गए भारतीयों के शव वापस भारत ले आने के लिए विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह इराक जाएंगे। शव लेकर विमान पहले अमृतसर फिर पटना और आखिरी में कलकत्ता जाएगा। इस मुद्दे पर विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि विभिन्न स्त्रोतों से अलग तरह की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इसलिए सरकार ने मोसुल जाकर तथ्यों की जांच करने और सच्चाई का पता लगाने की ठानी। इसके बाद शवों का डीएनए जांच कराया गया।
जनरल वीके सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने पहले भी बयान दिया था कि जब तक मजबूत साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो जाते, संसद को हम कोई सूचना नहीं दे सकते थे। उन्होंने कहा कि सभी 39 भारतीयों के शव देश लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मोसुल में कानूनी कार्रवाई पूरी की जा रही है और इसमें 8 से 10 दिन का समय लग सकता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘ये हर भारतीय के लिए दुख की खबर है। लेकिन मैं ये जानना चाहता हूं कि जानकारी देने में सरकार ने देर क्यों की? सरकार को ये बताना चाहिए की ये कैसे हुआ,वो लोग कब मरे। साथ ही सरकार ने उनके परिवार वालों को जो उम्मीद दी थी वो गलत है।’
दरअसल 11 जून 2014 को इराक के मोसुल से ISIS के आतंकियों ने 80 लोगों का अपहरण किया था। जिसमें से 40 भारतीय और 40 बंगलादेशी थे। पंजाब के रहने वाले हरजीत वहां से भागने में सफल हो गए थे। देश लौटकर हरजीत ने कहा था कि सबकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उसे भी गोली मारी गई थी लेकिन वो किसी तरह बच गया। मारे गए 39 लोगों में 31 पंजाब के हैं। बाकी 4 लोग हिमाचल प्रदेश के हैं। वहीं, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल हैं।