देश के 16 टूल सेंटरों में से एक कानपुर का टूल सेंटर दो विभागों की लड़ाई में फंस गया। लक्ष्य का चौथाई काम भी पूरा न होने से केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का पारा चढ़ गया। उन्होंने सुबह सात बजे संबंधित विभागों के अधिकारियों की पहले सर्किट हाउस में क्लास लगाई, फिर निर्माण स्थल पर चेतावनी देते हुए 25 दिन में काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया।
शुक्रवार सुबह गिरिराज सिंह ने अर्थटन मिल परिसर में बन रहे टूल सेंटर का दौरा किया। इसे दिसंबर में तैयार होना था लेकिन सबसे बुरी स्थिति कानपुर की है। साइट पर हाल देखकर उनका पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। अफसरों से साफ कहा कि चाहे मैनपॉवर की संख्या बढ़ाना पड़े। टेक्नोलाजी अपग्रेड करना पड़े या टेक्निकल पॉवर को लेना पड़े, लीजिए। किसी भी कीमत पर दिसंबर में टूल सेंटर तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा कि ये देरी सरकार की वजह से नहीं बल्कि टाटा कंसलटेंसी और कान्ट्रैक्टर की आपसी कलह की वजह से देरी हुई। दस टूल सेंटरों में से केवल कानपुर एकमात्र सेंटर है जो पिछड़ गया। शेष नौ सेंटर तैयार हो गए हैं लेकिन कानपुर का सेंटर कलह में फंस गया। एक हफ्ते में आपसी लड़ाई को मिलबैठकर दूर करने का आदेश दिया। स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर ये नहीं कर पाए तो हर तरह के एक्शन के लिए तैयार रहिए। किसी भी तरह का कदम उठा सकता हूं।
सलाहकार कंपनी के अधिकारियों ने सफाई देने की कोशिश की और कहा कि जमीन मिलने में सात महीने लग गए। उन्हें डांटते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि कहानी न बताएं। इसे मेरा अनुरोध समझिए या आदेश, 25 दिन में टूल सेंटर चाहिए। विकास आयुक्त ने मानीटरिंग की जिम्मेदारी डीएम विजय विश्वास पंत को जिम्मेदारी सौंपी गई। वह हर हफ्ते विकास कार्य की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
गिरिराज ने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ जा रही है। 1969 से अभी तक केवल 18 टूल सेंटर थे। वर्तमान सरकार ने चार साल में 15 नए टूल सेंटर बना दिए और 20 नए सेंटर बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इसके लिए 6000 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
पहली बार एग्रो टेक्नोलाजी
टूल सेंटर में एग्रो टेक्नोलाजी को भी शामिल किया गया है। कन्नौज के इत्र सेक्टर के साथ शुरुआत की गई है। इसका विस्तार किया जा रहा है। एग्रो इंजीनियरिंग, एग्रो नैनो पार्टिकल्स, फर्टिलाइजर का विकास किया जाएगा। इसमें आईआईटी और कृषि अनुसंधान विभाग की मदद ली जाएगी। इसके जरिए उद्यमिता को जोड़ा जाएगा। टेक्नोलाजी सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पर काम किया जाएगा।
शानदार है टेक्नोलाजी सेंटर
टेक्नोलाजी सेन्टर का 8.43 एकड़ में निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें ट्रेनिंग ब्लाक के दो हिस्सों का निर्माण, हास्टल एवं एडमिन ब्लाक का निर्माण होगा। इसके अन्तर्गत ट्रनिंग मशीन, प्रोडेक्शन मशीन बिल्डिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य कार्य मे हेतु 110 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया हैं। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त सहित अपर विकास आयुक्त पीयूष श्रीवास्तव, एमएसएमई निदेशक यूसी शुक्ला अन्य अधिकारी मौजूद थे।
हर साल 8000 दक्ष युवाओं को तैयार करेगा सेंटर
टूर सेंटर में हर फील्ड के कुशल और दक्ष युवा तैयार किए जाएंगे। यहां से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स भी चलेंगे, जो इंडस्ट्री की जरूरतों के आधार पर युवा तैयार करेंगे। बीटेक, एमटेक के साथ एमबीए यहां से निकलेंगे। शुरुआत में सबसे ज्यादा फोकस टेक्सटाइल इंजीनियरिंग पर होगा। तीन और चार साल की पढ़ाई के बाद स्किल युवाओं को हाथोंहाथ नौकरी मिलेगी या फिर वे अपना उद्यम भी स्थापित करने में सक्षम होंगे। कलराज मिश्र ने बताया कि ऐसे टूल रूम से हर साल 8000 कुशल युवा निकलेंगे।
