पहले से अधिक यूके का वीजा ले रहे हैं भारतीय

यूके में ब्रेग्जिट के तहत हो रहे बदलावों का असर दिखने लगा है। यूके में कई लोग यूरोपीय संघ के देशों में शामिल होने के लिए यह देश छोड़ रहे हैं, लेकिन वहां का वीजा लेने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमें पेशेवर, विजिटर, छात्र-छात्राएं एवं परिवारजन अधिक हैं।

सितंबर 2021 तक यूके का वीजा पाने वालों में 41,224 (10 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 4,68,923 तक पहुंच गया है। भारतीयों के साथ अगर चीनीयों को जोड़कर देखा जाए तो यूके में एक साल में वीजा पाने वाले लगभग आधे यानी 47 फीसदी नागरिक इन दो देशों के हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय पेशेवरों में यूके का वीजा पाने की मांग अधिक बढ़ गई है, इस वर्ष इसमें 55 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, उन्हें टियर 2 वीजा प्रदान किया गया।

यही नहीं, यूके में पढ़ाई के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी 33 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, उनकी संख्या 18,735 रही। इस वर्ष पढ़ाई के लिए वीजा पाने वाले कुल विदेशी नागरिकों में भारतीय और चीनी छात्र-छात्राएं सबसे आगे रहे। लगभग आधे वीजा इन दो देशों को यूके सरकार ने जारी किए हैं।

यूके में रह रहे अपने परिजन से मिलने-जुलने एवं उनके साथ कुछ माह बिताने के लिए आने वाले भारतीय परिवारजन की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या 881 से बढ़कर 3,574 हो गई। कई ऐसे लोग भी रहे, जो यूके के नागरिक हैं, लेकिन उनके परिजन भारतीय हैं। उनकी संख्या में 4,24 से बढ़कर 8,360 हो गई है।

-आने वालों की संख्या तेजी से गिरी

आंकड़े बताते हैं कि यूके छोड़ने वाले यूरोपीय नागरिकों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेग्जिट के फैसले के बाद कई नागरिक यूके छोड़ रहे हैं। इस तरह यूरोपीय संघ से यूके आने वालों की संख्या पिछले छह वर्ष में सबसे निचले स्तर पर आ गई है जबकि गैर यूरोपीय लोगों के आने की संख्या में पिछले एक दशक में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

-मुद्रा की कीमत गिरना भी एक कारण

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में माइग्रेशन ऑब्जर्वेटरी विभाग की निदेशक मेडेलिन ने कहा, यूके में जनमत सर्वेक्षण होने के बाद से यूरोपीय संघ के नागरिक यूके छोड़ रहे हैं। हालांकि, यूके आने वाले यूरोपीय संघ के नागरिकों में तेजी से गिरावट आई है। पौंड (मुद्रा) की कीमत कम होना भी एक कारण हो सकता है कि यूरोपीय संघ के नागरिक यूके के प्रति कम आकर्षित हो रहे हैं।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up