ओलंपिक क्वालिफायर की मेजबानी के लिए देशों में होड़ लगी रहती है, लेकिन इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने हाथ में आई टोकियो ओलंपिक क्वालिफायर एशियाई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की मेजबानी आम चुनाव के चलते छोड़ दी है।
यह चैंपियनशिप अगले वर्ष मार्च और अप्रैल माह में होनी थी। ए ग्रुप के इस ओलंपिक क्वालिफायर में एशिया के नामी विश्वस्तरीय लिफ्टरों को खेलना था, लेकिन फेडरेशन ने एशियाई वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को तर्क दिया कि अप्रैल में देश में आम चुनाव संभव हैं।
ऐसे में इस चैंपियनशिप का आयोजन संभव नहीं होगा। आईडब्लूएलएफ की ओर से मेजबानी से हाथ खीचते ही चीन ने इस मौके को दोनों हाथों से लपक लिया। चीन ने अपने यहां यह चैंपियनशिप कराने को कहा जिसे तुरंत मान लिया गया।
देश के वेटलिफ्टंग के इतिहास में आज तक कोई भी एशियाई चैंपियनिप आयोजित नहीं कराई गई है। ऊपर से इस चैंपियनशिप को ओलंपिक क्वालिफायर का दर्जा दिया गया था। वह भी ए ग्रुप की। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने दो चैंपियनशिप को ए ग्रुप क्वालिफायर का दर्जा दिया है जिसमें यह चैंपियनशिप भी शामिल थी।
चैंपियनशिपकी मेजबानी छिनना देश के लिफ्टरों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। खासतौर पर मीराबाई चानू, आरवी राहुल और जेरमी लालरिनुनगा जैसे लिफ्टरों केलिए अपने देशवासियों के बीच ओलंपिक क्वालिफाई करने के लिए जोरआजमाइश का बड़ा मौका था।
आईडब्लूएलएफ के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री असम गण परिषद के नेता बीपी बैश्या का कहना है कि एशियाई फेडरेशन ने यह चैंपियनशिप अप्रैल में कराने को कहा। अप्रैल में आम चुनाव हैं। ऐसे में चैंपियनशिप को देश में तवज्जो नहीं मिल पाती और न ही मीडिया कवरेज मिलती।
उन्होंने जुलाई या अगस्त में यह चैंपियनशिप कराने को कहा जिसे स्वीकार नहीं किया गया। ऐसे में उन्होंने मेजबानी छोडने का प्रस्ताव रख दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया। बैश्या एशियाई वेटलिफ्टिंग के भी उपाध्यक्ष हैं।