एफडी पर बैंकों से ज्यादा ब्याज दे रहीं कॉरपोरेट कंपनियां

ब्याज दर कम होने की सूरत में बैंकों की मियादी जमा (एफडी) योजनाओं पर घटते प्रतिफल के बीच कॉरपोरेट एफडी आम निवेशकों का पसंदीदा निवेश उपकरण बनकर उभर रहा है। इस समय देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में पांच साल या इससे ज्यादा समय के एफडी पर 6.65 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। वहीं, कॉरपोरेट कंपनियां 9 फीसदी तक ब्याज दे रही हैं।

एक अग्रणी आवासीय वित्त निगम के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि निजी क्षेत्र की कंपनियां यदि बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से राशि ले कर अपना काम करें तो यह निधि जुटाने का महंगा स्रोत साबित होता है। इसलिए आम जनता के बीच सीधे जाकर कॉरपोरेट एफडी के जरिए पैसा जुटाना फायदेमंद है।

इसलिए कंपनियां अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अक्सर ऐसा करती रहती हैं। ग्राहकों का भी इसमें फायदा है, इसलिए यह आम निवेशकों के लिए पसंदीदा उपकरण बन कर उभर रहा है। उनका कहना है कि स्मार्ट निवेशक तो शेयर बाजार निवेश के अन्य तरीकों से बेहतर रिटर्न ले लेते हैं, लेकिन आम निवेशक बैंक एफडी या छोटी निवेश के साधनों के सहारे ही रहते हैं।

बाजार में कई कंपनियों के एफडी प्लान

वर्तमान में महिंद्रा फाइनेंस, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और एचडीएफसी जैसी नामी एवं भरोसेमंद कंपनियों के कॉरपोरेट एफडी प्लान बाजार में हैं। इन बैंकों की एफडी पर एक से पांच साल तक निवेश करने पर 8 से 9 फीसदी तक का ब्याज मिल रहा है। उदाहरण के लिए एसबीआई जहां पांच साल या उससे ज्यादा की अवधि के लिए सर्वाधिक 6.65 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है।

इसकी तुलना यदि कॉरपोरेट एफडी से की जाए तो एफडीएफसी विभिन्न अवधि के लिए 7.95 से 8.88 फीसदी ब्याज दे रहा है।  बजाज फाइनेंस 8 से 8.75 फीसदी तो पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड 8.30 से 8.45 फीसदी तक की ब्याज दे रहा है। वहीं, महिंद्रा फाइनेंस तो 15 महीने की अवधि के लिए 8.30 और 40 महीने की अवधि के लिए 9 फीसदी ब्याज दे रहा है।

ऑनलाइन निवेश पर ज्यादा ब्याज

कॉरपोरेट एफडी में किसी ब्रोकर के सहारे निवेश किया जाता है तो उस पर कम प्रतिफल मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके लिए ब्रोकर को भी कमीशन देना पड़ता है। लेकिन ग्राहक यदि सीधे या ऑनलाइन तरीके से निवेश करता है तो उसे ज्यादा ब्याज मिलता है।

कॉरपोरेट एफडी में जोखिम

बजाज कैपिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विश्वजीत पराशर का कहना है कि कॉरपोरेट एफडी में निवेश करना जोखिम भरा है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह जरूरी है  कि इसमें निवेश करने से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग और कारोबारी रिकॉर्ड की पूरी जानकारी हासिल कर लें। आमतौर पर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे एफडी पर कॉरपोरेट कंपनियां, बैंक और अन्य फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ब्याज देती हैं।

कंपनी एक्ट देता है अधिकार

कॉरपोरेट कंपनियों के पास कंपनी एक्ट तहत के डिपॉजिट लेने का अधिकार होता है। सामान्य तौर पर कॉरपोरेट एफडी के तहत कंपनियां जो डिपॉजिट लेती हैं, उनकी परिपक्वता अवधि छह महीने से लेकर 36 महीने तक होती है। एक्ट के तहत डिपॉजिट लेने के लिए कंपनी का नेटवर्थ न्यूनतम 100 करोड़ रुपए या 500 करोड़ रुपए तक का टर्नओवर होना आवश्यक है।

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