गूगल में उठी चीनी दखल वाले सर्च इंजन ड्रैगनफ्लाई को बंद करने की मांग

गूगल अपने हाल के घटनाक्रम से सवालों के घेरे में है और अब इसके कर्मचारियों ने ही इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ताजा मामले में कंपनी के अल्फाबेट इंक के 200 से ज्यादा इंजीनियरों, डिजायनरों और प्रबंधकों ने एक खुले पत्र में मंगलवार को चीन के यूजर के लिए सर्च इंजन ड्रैगनफ्लाई को बंद करने की मांग की है। इसके द्वारा रहस्यमय प्रोजेक्ट चलाने को लेकर पहले भी गूगल के कर्मचारियों ने विरोध किया था। पत्र में चीन की सरकार द्वारा विरोधी विचारों पर नजर रखने और सच्चाई को दबाने पर चिंता जताई गई है।

गूगल के कर्मचारियों ने लिखा, ‘गूगलर्सएगेंस्टड्रैगनफ्लाई/हम गूगल के कर्मचारी हैं। गूगल को ड्रैगनफ्लाई को छोड़ देना चाहिए।’ गूगल ने सर्च एप प्रोजेक्ट ड्रैगनफ्लाई को एक प्रयोग बताया था, लेकिन इसका ब्योरा अगस्त में ही लीक हो गया था। तब तत्कालीन और मौजूदा कर्मचारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता और अमेरिकी सांसदों ने चीन सरकार की नीति के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाने को लेकर गूगल की आलोचना की थी। इसको लेकर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार को छेड़े जन आंदोलन के जरिये गूगल को ड्रैगनफ्लाई को बंद करने को कहा।

गूगल ने हालांकि अपने कर्मचारियों के पत्र पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। मंगलवार को अल्फाबेट के शेयर 0.35 फीसदी गिरकर 1052 डॉलर पर पहुंच गए। गूगल लंबे अरसे से दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट बाजार चीन में अपनी पैठ बनाना चाहता था। इसके लिए उसे वहां की सरकार की मंजूरी चाहिए थी।

चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गूगल की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि वह सर्च एप के लांच करने के कार्यक्रम में कोई फेरबदल करेगा। हालांकि यह अधिकारी सार्वजनिक रूप से बयान देने के लिए अधिकृत नहीं था।

यौन शोषण के आरोपी एग्जक्यूटिव को उल्टे पैसा देने पर हुई थी आलोचना

गूगल में इस साल ऐसी कई निराशाजनक घटना देखने को मिली है। इसमें यौन शोषण के आरोपी एक कर्मचारी को उल्टे काफी पैसा दिया गया। इस घटना पर कंपनी के खिलाफ दुनियाभर में प्रदर्शन हुआ। हजारों कर्मचारियों वाले गूगल के 1400 कर्मियों ने अगस्त में कंपनी से आग्रह किया था कि ड्रैगनफ्लाई सहित नैतिक रूप से सवालों के घेरे वाले उद्यमों पर अपनी चौकसी को बढ़ाए।

मंगलवार को कंपनी को लिखे पत्र में हस्ताक्षर करने वाले नौ कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने इसमें कोई प्रगति नहीं देखी है। कर्मचारियों ने यहां तक कहा कि उन्हें अब यह विश्वास नहीं रहा कि कंपनी लाभ के मुकाबले मूल्यों को तरजीह देने की मंशा रखती है।

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