श्रीलंका में खेले गए निदाहस ट्रॉफी टी20 ट्राई सीरीज के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर छक्का जड़ जीत दिलाकर नायक बने दिनेश कार्तिक ने इसे पूरी जिंदगी याद रहने वाला लम्हा करार दिया। कार्तिक इस छक्के के साथ ही ऋषिकेश कानिटकर और जोगिंदर शर्मा जैसे खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं जिन्होंने बड़े टूर्नामेंट के फाइनल की तनावपूर्ण स्थिति में टीम को जीत दिलाई। कानिटकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 1998 में ढाका में इंडिपेंडेंस कप के फाइनल में चौका लगाकर भारत को जीत दिलाई थी तो वहीं जोगिंदर शर्मा ने जोहानिसबर्ग में 2007 में टी20 विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाहउल हक का विकेट लेकर भारत को चैम्पियन बनाया था।
कार्तिक का क्रिकेट करियर 13 साल से ज्यादा का है लेकिन उन्हें कभी ऐसा मुकाम नहीं मिला जो हर क्रिकेटर चाहता है। इस छक्के से कार्तिक ने जावेद मियांदाद की याद भी ताजा कर दी जिन्होंने शारजाह में भारत के खिलाफ आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी। निदाहस ट्रॉफी में भारतीय टीम को जीत दिलाने के बाद उन्होंने बीसीसीआई डॉट टीवी से कहा, ‘यह कमाल का अहसास है। यह अनुभूति ऐसी है जो पूरे जीवन आपके साथ रहेगी। मेरे लिए पिछले एक साल का सफर शानदार रहा है और मैं इसका हिस्सा होकर काफी खुश हूं। हमने काफी मेहनत की थी और अंत में टूर्नामेंट जीतना हमारे लिए अच्छा है। मैं सहयोगी स्टाफ की मेहनत के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।’
अंतिम दो ओवरों में रूबेल हुसैन और सौम्य सरकार की गेंदबाजी पर वह पहले ही शॉट मारने की स्थिति में आ जाते थे। तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने कहा, ‘उस समय मैं हर गेंद को सीमा रेखा के पार भेजना चाहता था। कैसी गेंद आने वाली है यह भांप कर मैं खुद को क्रीज पर शॉट मारने की स्थिति में ले आता था। उन्होंने कहा, ‘ भारत और बांग्लादेश के लीग मैचों में ज्यादा दर्शक नहीं आए थे इसलिए हमें उम्मीद नहीं थी कि फाइनल में इतने दर्शक आएंगे। मैं दर्शकों के समर्थन से काफी खुश था और इसने मेरी बल्लेबाजी में मदद की।