मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के नेताओं की भी अहम भूमिका रही है। यहां के भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस के तमाम नेता मध्य प्रदेश में चुनाव प्रबंधन से लेकर प्रचार की जिम्मेदारी संभाले रहे हैं।

इनमें अधिकांश वह नेता हैं जिनका खासा सामाजिक प्रभाव है और जो चुनाव प्रबंधन में माहिर हैं। उत्तरी मध्य प्रदेश के चंबल से लेकर सिंगरौली तक की पट्टी पर इन नेताओं का ज्यादा जोर रहा है। भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो पूरे प्रदेश में प्रचार किया है, लेकिन उत्तरी मध्य प्रदेश में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सक्रिय रहे। सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए प्रदेश के मंत्री एसपीएस बघेल ने ग्वालियर, भिंड, दतिया व मुरैना में कई सामाजिक कार्यक्रम किए हैं। उनका मुख्य जोर बघेल समाज के साथ संपर्क का रहा। राज्य के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को पूरे ग्वालियर संभाग का चुनाव प्रबंधन संभाल रहे हैं। अन्य नेताओं में अशोक कटारिया, गौरव भाटिया, प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी भी कई दिनों से डेरा डाले हुए हैं।

उमा भारती अभी उत्तर प्रदेश की झांसी से सांसद हैं, लेकिन मूल रूप से मध्य प्रदेश की उमा भारती की अधिकांश राजनीति मध्य प्रदेश से ही रही है। कई बार सांसद व मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रही उमा भारती ने पूरे राज्य में प्रचार किया है। दरअसल भाजपा ने उत्तर प्रदेश की एक पूरी टीम को यहां चुनाव प्रबंधन के लिए उतारा है, ताकि स्थानीय नेता प्रचार, जनसंपर्क में पूरा समय दे सकें।

अखिलेश-मायावती की सभाएं

सपा व बसपा के मुख्य प्रचारक तो दोनों दलों के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती हैं। इन नेताओं ने इस क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के लिए कई सभाएं भी है। चुनाव प्रबंधन में भी उत्तर प्रदेश से आए विधायक व पार्टी पदाधिकारी लगे रहे हैं।

ताकत लगाई 

– सामाजिक समीकरणों को साधने में सभी दलों ने लगाई ताकत

– भाजपा के चुनाव प्रबंधन में रहे उत्तर प्रदेश के कई मंत्री और पदाधिकारी

 

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