सेना से भागकर आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमान संभालने वाले आतंकी जहूर ठोकर के गिरोह में तीन लड़कियां सुरक्षाबलों के अधिकारियों और जवानों की जासूसी करती हैं। तीनों जहूर के गुर्गों की दोस्त हैं। यह खुलासा हाल ही में एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए अंसार उल हक ने पूछताछ में किया।
30 आतंकी 70 व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े : जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम भी दिल्ली पहुंच गई है, जो आतंकी अंसार उल हक से पूछताछ कर रही है। पुलिस पूछताछ में आरोपी अंसार ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि उसका सरगना जहूर ठोकर है, जिसके नेटवर्क में करीब 30 आतंकी शामिल हैं। ये आतंकी करीब 70 व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, इन ग्रुप में जासूसी करने वाली वह तीनों लड़कियां भी शामिल हैं जोकि जहूर की मददगार हैं।
ढाई साल से हिज्बुल कमांडर है जहूर : गिरफ्तार आतंकी अंसार ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि जहूर इस वक्त जम्मू में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सुप्रीम कमांडर है। वह पिछले ढाई साल से जम्मू में होने वाले तकरीबन सभी आतंकी हमलों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा रहा है। उसके नेटवर्क में काफी पढ़े-लिखे लोग शामिल हैं। उसे सीमापार की खुफिया इकाई से हर तरह की मदद मिलती है। इसकी मदद से वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है।
कार का पीछा करने की फुटेज मिली : अंसार की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पहुंची जम्मू पुलिस ने खुलासा किया कि 28 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के छेवाकला इलाके में 30 वर्षीय सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर की हत्या से पहले उनकी कार का पीछा किया गया था। उनकी कार का पीछा करने वाला शख्स सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया था। वह शख्स दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा आतंकी अंसार उल हक ही है। जम्मू पुलिस अब अंसार को जम्मू लेकर जाएगी, जहां उसकी निशानदेही पर कई जगहों पर छापेमारी की जाएगी। ताकि, इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आतंकियों को भी गिरफ्तार किया जा सके।
कौन है जहूर ठोकर?
जहूर ठोकर हिजबुल का कमांडर है। वह पहले 173 टेरीटोरियल आर्मी का सदस्य था। वर्ष 2016 में वह सर्विस रायफल के साथ फरार हो गया। सेना से भागने के बाद वह आतंकी संगठन हिजबुल में शामिल हो गया। इस दौरान उसकी कार्यशैली से प्रभावित होकर हिजबुल के आला कमान ने उसे कमांडर बना दिया।