बुधनी में शिवराज को तगड़ी टक्कर देने के कोशिश

बुधनी में शिवराज को तगड़ी टक्कर देने के कोशिश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह जिले सीहोर की प्रतिष्ठित बुधनी विधानसभा सीट से लगातार चौथी जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं युवा नेता अरुण यादव उन्हें तगड़ी टक्कर देने की भरपूर कोशिश में जुटे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चौहान बुधनी में नामांकनपत्र दाखिल करने के बाद प्रचार अभियान की कमान पत्नी श्रीमती साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय और अपने समर्थकों को देकर राज्य के अन्य क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं लेने में व्यस्त हैं। चौहान का कहना है कि बुधनी क्षेत्र की जनता उनका परिवार है, इसलिए वे निश्चिंत होकर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में प्रचार अभियान में जुटे हैं। हालाकि वे बुधनी की पल पल की खबर रखते हैं। साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय और उनके समर्थक बुधनी विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव और नगरीय इलाकों में लगातार प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर दो बार सांसद रह चुके एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव के पुत्र अरूण यादव नामांकनपत्र दाखिल करने के बाद पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से क्षेत्र में सघन प्रचार अभियान में जुटे हैं। उनके समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जनसभा लेकर उन्हें ‘राज्य का भविष्य’ निरूपित कर चुके हैं। हालाकि इस शब्द के अर्थ राजनैतिक पंडित अपने अपने तरीके से निकाल रहे हैं। श्री यादव अभी तक साठ प्रतिशत से अधिक गांवों में पहुंच चुके हैं।

यादव ने यूनीवार्ता से कहा कि वे क्षेत्र में लगातार लोगों से मिल रहे हैं और जनता का स्नेह और समर्थन भी उन्हें मिल रहा है। इसी अंचल के नेता एवं पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल उनके हमकदम बने हुए हैं। यादव सुबह से ही प्रचार अभियान पर निकल जाते हैं देर रात तक यह क्रम चलता रहता है। रात बारह बजे के बाद वे जिस गांव में पहुंचते हैं, वहीं पर रात्रि विश्राम करते और फिर अगले दिन अगले गंतव्य पर निकल जाते हैं।

हाईप्रोफाइल बुधनी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी यादव इसी वर्ष अप्रैल माह तक प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे। कमलनाथ की ताजपोशी के बाद यादव कथित तौर पर पार्टी से क्षुब्ध बताए जा रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें ऐन मौके पर बुधनी से चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी। हालाकि चौहान ने गांधी के इस निर्णय पर यादव को बलि का बकरा बताया था। वहीं यादव इससे इत्तेफाक नहीं रखते और कहते हैं कि यहां की जनता इस बार उन्हें जिताकर इतिहास बनाएगी।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up