पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने करतारपुर गलियारा के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान का न्योता अस्वीकार कर दिया, जबकि उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने खुशी – खुशी यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है। वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सोमवार को करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखेंगे, इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हरसिमरत कौर बादल भी इस मौके पर मौजूद रहेंगी।
वहीं पाकिस्तान ने भारत के अपने दो केंद्रीय मंत्रियों को करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने वाले समारोह में भाग लेने के लिए भेजे जाने के फैसले का “सकारात्मक प्रतिक्रिया” कह कर स्वागत किया है। पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक पूजास्थल से करीब चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार स्थित है। यह सिख गुरुद्वारा 1522 में सिख गुरु ने स्थापित किया था। पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, यहां बनाया गया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां गुरु नानक देव का निधन हुआ था।
करतारपुर साहिब गलियारा
करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण की मांग भारत दो दशक से करता आ रहा है, जहां गुरुनानक का निधन 1539 में हुआ था। यह धार्मिक स्थल भारतीय सीमा से दिखाई पड़ता है। सरकार पंजाब में सुल्तानपुर लोधी का भी विकास करेगी, जहां गुरु नानक ने शुरुआती जिदंगी बिताई थी। सिख गुरु के जीवन से जुड़े पवित्र स्थानों और गुरुद्वारों के दर्शन को आसान बनाने के लिए विशेष ट्रेन भी चलाई जाएगी। सिख तीर्थयात्री अब करतारपुर में रावी नदी के तट पर प्रतिष्ठित गुरुद्वारा दरबार साहिब का दौरा करने में सक्षम होंगे। इससे पहले नवंबर में, पाकिस्तान ने गुरु नानक की 549वीं जयंती के जारी समारोहों के लिए सिख तीर्थयात्रियों को 3,800 से अधिक वीजा जारी किए थे।
28 को इमरान खान रखेंगे आधारशिला
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान 28 नवंबर को पाकिस्तानी में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखेंगे। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में भारत-पाक सीमा से लगभग तीन से चार किलोमीटर दूर स्थित है।