चीन अपने तकनीकी विकास से दुनिया में सबसे आगे निकलने के लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में उसने 2020 तक एक बार छोड़े जाने के बाद वापस मिल जाने वाले उपग्रह बनाने का दावा किया है।
चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) के अध्यक्ष ज्हांग होंगताई ने पिछले हफ्ते चीन के आधिकारिक टीवी चैनल को इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्थान इस संबंध में तकनीक का विकास करने के बेहद करीब है। इसका इस्तेमाल कारोबारी जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा। ज्हांग ने कहा कि वापस मिल जाने वाले उपग्रह अंतरिक्ष की बायोलॉजी, मेडिसिन और वैज्ञानिक प्रयोगों के अध्ययन में अहम रोल अदा करेंगे।
सीएएसटी इस तरह के उपग्रहों के लिए औद्योगिक माहौल तैयार करेगा, जिससे भविष्य के उपग्रह का बाजार आगे बढ़ सके। कई अन्य देशों ने भी वापस मिल जाने वाले उपग्रह लांच किए हैं। कम लागत के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के प्रयोग के लिए इस तरह के उपग्रह काफी काम आएंगे। अब तक इनके लिए रॉकेट का इस्तेमाल किया जाता है, जो कुछ मिनट की उड़ान के बाद वापस नहीं आते हैं।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन माइक्रोग्रैविटी की परिस्थिति कई हफ्तों और वर्षों के लिए उपलब्ध कराता है, साथ ही उपग्रहों की ऐसी टैक्सी सेवा भी है जिससे धरती पर वापस लौटा जा सके।