आरबीआई की अहम बैठक से पहले जेटली ने दी चेतावनी

आरबीआई की अहम बैठक से पहले जेटली ने दी चेतावनी

बढ़ते एनपीए और छोटे उद्योगों को कर्ज देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ चल रहे टकराव के बीच रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अहम बैठक से पहले दो केंद्रीय मंत्रियों ने को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि  क्रेडिट सप्लाई को न रोंके।

वित्त मंत्री अरुण जेटली और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आरबीआई के खिलाफ कई मुद्दों पर अपनी राय दी। मुंबई में हुए एक समारोह के दौरान जेटली ने कहा कि  तेज ग्रोथ के लिए सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी जरूरी है। वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि अगर क्रेडिट पर्याप्त भी है तो सभी सेक्टर की सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है।

वहीं गडकरी ने कहा कि आरबीआई की सख्त लोन प्रक्रिया के कारण बैंक देश भर में चल रहे तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को वित्तीय मदद नहीं दे रहे हैं। इसके चलते करीब 2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। गडकरी का कहना है कि आरबीआई लोन की प्रक्रिया को मुश्किल बना रहा है जिससे इंफ्रा के लिए पैसे की किल्लत हो रही है।

हालांकि बोर्ड की बैठक मुंबई में हो रही है। इसमें सरकार के समर्थक सदस्य केंद्रीय बैंक नीति में बदलाव के लिए आरबीआई पर दबाव बना सकते हैं।

इन मुद्दों पर है गतिरोध

इन मांगों में छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देना शामिल है। आरबीआई भी सरकार के रवैये को लेकर आक्रामक है।

उसका कहना है कि क्या सरकार बैंक कि स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है। इसके लिए उसने 2010 के अर्जेंटीना के के वित्तीय बाजार का भी उदाहरण दिया है।

हाल ही में सरकार ने संकेत दिए थे कि वह पटेल का इस्तीफा नहीं चाहती है लेकिन बैंक के साथ कुछ मुद्दों का समाधान जरूरी है। मोदी समर्थकों ने साफ कर दिया है कि नीति में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, सरकार समर्थित बोर्ड के कुछ सदस्यों को बैठक में आरबीआई पर दबाव बनाने की स्वीकृति दे दी गई है।

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