चैत्र नवरात्रि में इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जा रही है। इसलिए एक ही दिन कन्या पूजन होगा। दरअसल ज्योतिषियों की मानें तो अष्टमी तिथि 24 मार्च को सुबह 10 बजकर 15 मिनट से शुरू हो होगी और 25 मार्च रविवार को सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। वहीं नवमी तिथि अगले दिन 26 मार्च को सूर्य उदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए अष्टमी और नवमी का पूजन रविवार को ही किया जाएगा। अष्टमी और नवमी पूजन इसी के अनुसार किया जाएगा। आगे पढ़ें किस समय करें कन्या पूजन चैत्र नवरात्रि के नवमी को
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महान दार्शनिक सुकरात ने बताया सफलता का राज
एक बार एक नौजवान लड़के ने महान दार्शनिक सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” सुकरात ने उस नौजवान लड़के को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे उसके सवाल का जवाब मिलेगा। जब दूसरे दिन सुबह वह लड़का नदी के पास मिला तो सुकरात ने उस लड़के को नदी में उतरकर, नदी की गहराई मापने के लिए कहा। वह लड़का नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा। जैसे ही पानी उस लड़के के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह लड़का
बजरंग बली को इसलिए कहते हैं सिंदूरी
भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिए हुआ था। हनुमान जयंती के शुभ दिन पर उनकी पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति का वास होता है। ज्योतिषियों की गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म एक करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। हनुमान जी की साधना सरल है। हनुमान जी की पूजा करते समय हमें मन और तन से पवित्र होना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में वह चमत्कारी शक्ति है जो