एक बार एक व्यक्ति शहर में रास्ते पर चलते हुए जा रहा था। अचानक ही वह एक सर्कस के बाहर रुक गया और वहां रस्सी से बंधे हुए एक हाथी को देखने लगा और सोचने लगा। वह सोच रहा था कि जो हाथी जाली, मोटे चैन या कड़ी को भी तोड़ देने की शक्ति रखता है वह एक साधारण रस्सी से बंधे होने पर भी कुछ नहीं कर रहा है। उस व्यक्ति ने तभी देखा कि हाथी के पास में एक ट्रेनर खड़ा था। यह देखकर उस व्यक्ति ने ट्रेनर से पूछा यह हाथी अपनी जगह से इधर उधर क्यों
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इस तारीख को है रक्षा बंधन,
सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षा बंधन का त्योहार। इस बार 26 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं। इसके साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। ज्योतिष के अनुसार इस बार रक्षा बंधन बांधन का शुभ मुहूर्त 11 घंटे 26 मिनट का है। इस रक्षा बंधन पर बहनें सुबह 5:59 मिनट से शाम 17: 12 मिनट तक राखी बांध सकती हैं। यह भी कहा जा रहा है कि रक्षा बंधन के दिन इस बार भद्रा नहीं लग रहा है। इसलिए बहने शाम 5 बजकर 12 मिनट
11 अगस्त को लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
साल 2021 का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण अगले हफ्ते 11 अगस्त को लगेगा। इस दिन शनैश्चरी अमावस्या और हरियाली अमावस्या भी है। इसलिए इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व रहेगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण 3 घंटे 35 मिनट तक रहेगा। जिसका प्रकृति और सभी राशियों पर गुप्त असर पड़ेगा। आपको बता दें कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो पृथ्वी पर सूर्यग्रहण दिखाई देता है। जानें किस समय लगेगा सूर्य ग्रहण और सूतक काल की शुरुआत 11 अगस्त को आंशिक सूर्यग्रहण अश्लेषा नक्षत्र और कर्क राशि में भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर
ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा
हरियाली तीज सावन के महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है। इस साल यह 13 अगस्त को पड़ रही है। इसे हरियाली तीज ,कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि कुवांरी कन्याएं मनचाहे वर और सुहागिन महिलाएं अखण्ड सुहाग और सुखी दामपत्य जीवन के लिए व्रत रखना बहुत शुभ होता है। इस दिन महिलाएं श्रृंगार कर हाथों में मेहंदी लगाकर झूला भी झूलती हैं। ऐसा माना जाता है कि शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को पार्वती
इसलिए गंगाजल लेने हरिद्वार जाते हैं कांवड़िये
श्रावण मास भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। श्रावण मास में लाखों शिवभक्त गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करते हैं। जल की यह यात्रा भगवान शिव की आराधना के लिए हैं। मान्यता है कि पूरे श्रावण मास भगवान शिव अपनी ससुराल राजा दक्ष की नगरी कनखल हरिद्वार में निवास करते हैं। भगवान विष्णु के शयन में जाने के कारण तीनों लोक की देखभाल भगवान शिव ही करते हैं। यही वजह है कि कांवड़िये श्रावण माह में गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं। माना जाता है कि सर्वप्रथम भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लाकर पुरा महादेव में शिवलिंग पर
जब शंकर जी ने तोड़ा नारद जी का घमंड,
सावन का महीना दो चीजों के लिए जाना जाता है। एक कामदेव और दूसरा प्रकृति का उत्सव। इस महीने भगवान शंकर ने कामदेव के मान का मर्दन किया था। कैसे। आइये जानते हैं। एक बार नारद जी ने कठोर तप किया। इंद्र को लगा कि नारद जी उनका सिंहासन हासिल करने के लिए ही तप कर रहे हैं। सिंहासन की नींव बहुत ही हल्की होती है। वह सदा ही भयभीत रहती है। इंद्र भी भयभीत थे कि कहीं नारद जी उनके सिंहासन पर न बैठ जाएं। इंद्र ने नारद जी की तपस्या भंग करने की सोची। सहारा लिया-कामदेव का। कामदेव
राजनेता होते हैं ऐसी उंगली वाले लोग
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार छोटी उंगली व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बताती है। कनिष्ठा उंगली की लंबाई और मोटाई के साथ उस पर मौजूद निशान और रेखाओं का अध्ययन भी किया जाता है। इन छोटे-छोटे संकेतों से व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य की बातें मालूम की जा सकती हैं। जानिए छोटी उंगली के हिसाब से व्यक्ति के बारे में। जिन लोगों की यह उंगली आगे से नुकीली हो वे वे बुद्धिमान होते हैं। ऐसे लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है। छोटी उंगली अधिक लंबी होने पर व्यक्ति बहुत चालक हो सकता है। ऐसे लोग अपनी चतुराई से कार्यों
सावन का पहला सोमवार आज
आज है सावन का पहला सोमवार। आज के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। ज्योतिष के अनुसार श्रावण माह में सोमवार का व्रत रखने और भगवान शिव की अराधना से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। परिवार में सुख शांति रहती है। दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर साल सावन के महीने में शिवजी पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए इस महीने में शिव की पूजा में भक्त लीन रहते हैं। कहते हैं कि जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान जो विष पिया तो उसके
जानिए सावन के महीने में क्यों करते हैं महादेव की पूजा
Sawan 2021: कहा जाता हैं कि भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। इस महीने में शिवभक्त उन्हें प्रसन्न करने का हर प्रयास करते हैं। इस महीने में भगवान शिव की पूजा बहुत अहम मानी जाती है। मान्यता है कि सावन माह में ही समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला, उससे पूरा संसार नष्ट हो सकता था लेकिन भगवान शिव ने उस विष को अपने कंठ में समाहित किया और सृष्टि की रक्षा की। इस घटना के बाद ही भगवान शिव का वर्ण नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ भी कहा गया। कहते हैं कि शिव
Chandra Grahan 2021:
सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण आज रात लगने वाला है। यह ग्रहण रात 11.54 से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई सुबह 3.49 तक रहेगा, यानी यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। जिसकी अवधि 3 घंटे 55 मिनट तक है। सूतक काल 27 जुलाई को ग्रहण शुरू होने से पहले दोपहर 02:54 बजे से 28 जुलाई को रात्रि 03: 49 बजे तक के समय को सूतक काल माना जा रहा है।सूर्योदय के बाद सूतक समाप्त माना जाएगा। चंद्रमा क्यों दिखता है लाल चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा हमेशा लाल रंग का दिखाई देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रग्रहण के