मेष : वाणी में कठोरता का प्रभाव हो सकता है। बातचीत में सन्तुलित रहें। मित्रों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। सन्तान को कष्ट होगा। वृष : आत्मसंयत रहें। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें। मित्रों का सहयोग मिलेगा। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। मिथुन : मानसिक शान्ति तो रहेगी, लेकिन मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। कार्यक्षेत्र में कठिनाई आ सकती है। कर्क: आत्मविश्वास में कमी आयेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी रहेगा। जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। वीडियो में देखें अपना राशिफल सिंह :आत्मसंयत रहें। नौकरी में अफसरों से मतभेद बढ़ सकते हैं। कार्यक्षेत्र में
Category: धर्म
Karva Chauth 2021:
Karva Chauth 2021: करवा चौथ इस बार 27 अक्तूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। यह व्रत अच्छे गृहस्थ जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। महान संत कवि तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस के अयोध्या कांड की इन महत्वपूर्ण पंक्तियों में पति-पत्नी के पावन संबंधों की सार्थक व्याख्या की है। सीता जी वन जा रहे भगवान राम से कहती हैं- माता,
Sharad Purnima 2021:
इस बार शरद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर रात को हो रही है और इसका समापन 24 अक्टूबर रात को होगा। व्रत एवं पूजा 24 अक्टूबर को ही होगा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा ही वो दिन है जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है। आमतौर पर हम सुनते हैं कि चंद्रमा में सोलह कलाएं होती हैं। भगवान श्रीकृष्ण को सोलह कलाओं का स्वामी कहा गया है तो राम को बारह कलाओं का। दोनों ही पूर्णावतार हैं। इसकी अलग-अलग व्याख्या मिलती हैं। कुछ की राय में भगवान राम सूर्यवंशी थे तो
सफलता और धन पाने के लिए दशहरे पर करें ये 5 उपाय
भगवान श्रीराम की बुराइयों के पर्याय राक्षस रावण पर विजय के उपलक्ष्य में विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। दशहरा का त्यौहार अश्चिन माह कृष्ण पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन लोग शस्त्र पूजा भी करते हैं जिससे कि दुश्मनों पर विजय प्राप्त की जा सके। लेकिन इसके अलावा भी कई उपाय हैं जिन्हें लोग संपन्नता और एश्वैर्य पान के लिए अपनाते हैं। आगे जानें कौन से हैं ये उपाय- उपाय 1- दशहरे के दिन दोपहर में घर के ईशान कोण में शुद्ध भूमि पर चंदन, कुमकुम और पुष्प से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं
Sarva Pitru Paksha amavasya:
सोमवार और मंगलवार दोनों दिन सर्व पितृ अमावस्या मनाई जा रही है। यह दिन पितरों को विदाई देने का दिन है। पंडित दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार पितृविसर्जन, सर्वपितृ श्राद्ध महालय 8 और 9 अक्टूबर को होगा क्योंकि 8 अक्टूबर दिन सोमवार को दिन में 10 बजकर 47 मिनट के बाद अमावस्या तिथि लग जायेगी जो 9 अक्टूबर दिन मंगलवार को दिन में 09:10 बजे तक ही रहेगी। इसके साथ शुरू हो जाएगा महालया। महालया बंगालियों का एक ऐसा पर्व है जो नवरात्रि की शुरुआत को दर्शाता है। इस दिन रात में दुर्गा मां के मंदिर में मां दुर्गा की पूजा
जानिए कब शुरू हो रहा है, किस तिथि पर आएगा कौन सा श्राद्ध
पूर्णिमा से अमावस्या के ये 15 दिन पितरों को कहे जाते हैं। इन 15 दिनों में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 से 8 अक्टूबर तक श्राद्धपक्ष रहेगा। जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। इसलिए पितृपक्ष में पृथ्वी लोक में आए हुए पितरों का तर्पण किया जाता है। जिस तिथि को पितरों का गमन (देहांत) होता है उसी दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है। जानिए किस तिथि को कौन सा
माता के लिए किया जाता है यह श्राद्ध
आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी तिथि को मातृ नवमी कहा जाता है। इस तिथि का श्राद्ध पक्ष में बहुत महत्व माना जाता है। नवमी तिथि का श्राद्ध मूल रूप से माता के निमित्त किया जाता है। यह तिथि माता और परिवार की विवाहित महिलाओं के श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन पुत्रवधू, स्वर्गवासी सास व माता के सम्मान में धार्मिक कृत्य करती हैं। इस श्राद्ध को सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहा जाता है। कुछ स्थानों पर इसे डोकरा नवमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि नवमी का श्राद्ध करने पर परिवार में धन, संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति
जिंदगी जब इम्तहान ले, तो धैर्य से काम लें
जिंदगी कई बार ऐसे इम्तहान लेती है कि सांस लेना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लगता है यह सब मेरे ही साथ क्यों हो रहा है। क्या भगवान को मेरे ऊपर जरा सा भी तरस नहीं आता है। मगर आप अकेले नहीं हैं, जिसके हिस्से जिंदगी का यह इम्तहान आया है। दुनिया में ऐसे न जाने कितने होंगे, जो आपसे भी ज्यादा मुश्किल परिस्थिति का सामना कर रहे होंगे। बस वह शायद आपकी तरह रोने की जगह अपने हालात से निपटने का रास्ता खोज रहे होंगे। जॉर्ज डिकसन भी अपने हालात से लड़े और विजेता बनकर निकले।
विश्वकर्मा जयंती 2021: आज है विश्वकर्मा जयंती,
इस बार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2021 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि भी पौराणिक संरचनाएं भगवान विश्वकर्मा ने की थी और वे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार थे। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते समय दीप, धूप, पुष्प, गंध, सुपारी आदि का प्रयोग करना चाहिए। सभी औजारों की तिलक लगाकर पूजन करना चाहिए। यहां पढ़ें उनसे जुड़ी बातें: वह वास्तुदेव तथा माता अंगिरसी के पुत्र हैं। भगवान विश्वकर्मा वास्तुकला के आचार्य माने जाते हैं। उनकी जयंती पर उनकी आराधना के साथ औजारों की पूजा की जाती है। ये है पूजा का शुभ मुहूर्त: विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त
यहां पढ़ें गणेश जी की आरती
गणेश उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह उत्सव पूरे 10 दिन चलेगा। इस दौरान गणेश भक्त बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं साथ ही उनकी आरती भी गाते है। यहां देखें गणेश जी की आरती जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी, माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। .. जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन